क्या दातुन ओरल हेल्थ के लिए वरदान है? सिर्फ दांतों के लिए नहीं, पूरे शरीर के लिए भी है लाभकारी
सारांश
Key Takeaways
- दातुन दांतों और मुंह के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।
- यह पाचन में सुधार करता है।
- आंखों की रोशनी को बढ़ाता है।
- मसूड़ों की समस्याओं में राहत प्रदान करता है।
- जीभ की सफाई में मदद करता है।
नई दिल्ली, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। दातुन का उपयोग सदियों से दांतों की मजबूती के लिए किया जाता रहा है। हमारे पूर्वजों के दांतों की सेहत का राज भी दातुन रहा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि दातुन केवल ओरल हेल्थ के लिए ही महत्वपूर्ण नहीं है, बल्कि यह आंखों की सेहत से भी जुड़ा हुआ है?
आयुर्वेद में दातुन को मुंह की सुरक्षा करने वाला माना गया है, जो पेट से लेकर आंखों तक के लिए लाभकारी है।
आयुर्वेद में दातुन को टूथपेस्ट के मुकाबले अधिक महत्व दिया गया है, क्योंकि टूथपेस्ट में विभिन्न प्रकार के केमिकल होते हैं, जो दांतों और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। जबकि दातुन कफ दोष को संतुलित करता है और दांतों की सफाई के साथ-साथ पूरे शरीर के स्वास्थ्य का ख्याल रखता है। आज हम आपको दातुन के अद्भुत फायदों के बारे में बताएंगे।
दातुन का संबंध पाचन तंत्र से भी है। जब हम सुबह-सुबह दातुन का उपयोग करते हैं, तो मुंह में मौजूद लार में दातुन के गुण मिल जाते हैं, और यह लार पेट में जाकर पाचन अग्नि को सुधारने में मदद करती है। इससे पेट संबंधी समस्याएँ जैसे कब्ज और एसिडिटी कम होती हैं और भोजन पचाने की प्रक्रिया तेज होती है।
दूसरी ओर, दातुन से आंखों की रोशनी भी प्रभावित होती है। दांतों की नसों का सीधा संबंध मस्तिष्क और आंखों से होता है। जब दातुन का सेवन किया जाता है, तो आंखों की नसों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता बढ़ती है और आंखों की रोशनी में सुधार होता है।
तीसरा, दातुन मुंह की ओरल हेल्थ के लिए बेहद लाभकारी होती है। यदि मसूड़ों से खून आता है, दर्द होता है, पायरिया की समस्या है या दांत कमजोर हैं, तो दातुन किसी औषधि के समान काम करती है। यह मसूड़ों में कसाव लाने में मदद करती है, जिससे दांतों को मजबूती मिलती है और वे लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं।
चौथा, दातुन जीभ की सफाई में भी उपयोगी है। आयुर्वेद में दातुन के बाद लकड़ी से जीभ को साफ करने की प्रक्रिया का सुझाव दिया गया है, जिससे जीभ पर जमी सफेद परत हट जाती है। यह परत टॉक्सिन होती है, जो मुंह में बदबू फैलाने और अन्य बीमारियों का कारण बन सकती है।
अब सवाल यह है कि किस प्रकार की दातुन का उपयोग करना है। इसके लिए नीम, बबूल, अपामार्ग, बरगद, खेर, या अर्जुन के पेड़ की दातुन का प्रयोग किया जा सकता है। ये सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं।