क्या हिरोशिमा के ऑयस्टर किसान संकट में हैं? गर्म समुद्र बना है मुसीबत
सारांश
Key Takeaways
- समुद्र का तापमान और नमकीन पानी ऑयस्टर के लिए खतरा बन रहे हैं।
- किसानों को अस्सी से नब्बे प्रतिशत ऑयस्टर खत्म होने का सामना करना पड़ रहा है।
- सरकार ने मुआवजे की मांग का समर्थन किया है।
- बाजार में ताजा ऑयस्टर का अभाव हो रहा है।
- किसान संकट के समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।
टोक्यो, 20 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान के हिरोशिमा क्षेत्र में ऑयस्टर खेती करने वाले किसान गंभीर संकट का सामना कर रहे हैं। समुद्र में पाले जाने वाले सीपों की अचानक बड़ी संख्या में मृत्यु हो रही है और कई किसानों के अनुसार उनके फार्म में तो लगभग अस्सी से नब्बे प्रतिशत तक ऑयस्टर खत्म हो चुके हैं।
हिरोशिमा जापान में ऑयस्टर उत्पादन का सबसे बड़ा केंद्र है, इसीलिए यहां होने वाला नुकसान पूरे देश की सप्लाई चेन को प्रभावित कर सकता है। लेकिन सबसे बड़ी समस्या उन किसानों के लिए है जिनकी रोजी-रोटी इसी खेती पर निर्भर है। वे पूरे साल मेहनत करके सीपों को तैयार करते हैं और मौसम के अनुसार उन्हें बाजार में लाते हैं, लेकिन इस बार समुद्र से उन्हें उम्मीद के बजाय डर मिल रहा है। जाल उठाते समय उन्हें खाली खोल या मरी हुई सीपें मिल रही हैं, जिससे उनका मनोबल टूट रहा है।
द जापान टाइम्स के अनुसार, वैज्ञानिक अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर पाए हैं कि इतनी बड़ी संख्या में सीपों की मृत्यु कैसे हुई, लेकिन शुरुआती जांच में दो बातें सामने आई हैं—समुद्र का तापमान इस साल असामान्य रूप से अधिक है और बारिश कम होने के कारण समुद्र का पानी ज़्यादा नमकीन हो गया है। गर्म और नमकीन पानी ऑयस्टर के लिए बहुत तनावपूर्ण स्थिति पैदा करता है, जिससे वे धीरे-धीरे कमजोर होकर मरने लगते हैं। किसान कहते हैं कि उन्होंने दशकों तक खेती की है, लेकिन ऐसा संकट पहले कभी नहीं देखा। कई लोग हर दिन समुद्र में जाकर अपने नुकसान का आकलन करने की कोशिश कर रहे हैं और लौटते समय उनके चेहरे पर बेचैनी साफ दिखाई देती है।
स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि 19 नवंबर को जापान के मत्स्य मंत्री नोरियाको सुजुकी स्वयं हिरोशिमा पहुंचे और किसानों से मिले। सरकार ने इस मास डाई ऑफ (कम समय में बड़ी संख्या में किसी प्रजाति के जीव मरना) की जांच शुरू कर दी है और आर्थिक राहत देने के तरीकों पर भी विचार कर रही है। स्थानीय नेताओं ने इसे आपदा घोषित करने की मांग उठाई है ताकि किसानों को तुरंत मुआवजा मिल सके और उद्योग को कुछ राहत मिल सके। बाजार में भी इसका असर दिखने लगा है, रेस्त्रां और होटल वाले कह रहे हैं कि ताजा ऑयस्टर की कमी होने लगी है और आने वाले हफ्तों में कीमतें बढ़ सकती हैं।
लंबे समय की चिंता यह है कि यदि समुद्र का तापमान और नमक इसी तरह बढ़ता रहा तो हिरोशिमा का ऑयस्टर उद्योग, जो जापान की पहचान और अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, स्थायी रूप से नुकसान में जा सकता है। किसान उम्मीद कर रहे हैं कि वैज्ञानिक और सरकार मिलकर किसी ऐसी तकनीक या तरीके पर पहुंचें जिससे भविष्य में इस तरह की बड़ी समस्याओं से बचा जा सके।