क्या आईएईए सम्मेलन में परमाणु अप्रसार योजना के संरक्षण पर जोर दिया गया?

सारांश
Key Takeaways
- आईएईए सम्मेलन में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर जोर दिया गया।
- 2024 की वार्षिक रिपोर्ट और 2026 के बजट की समीक्षा की जाएगी।
- ग्लोबल परमाणु अप्रसार व्यवस्था की सुरक्षा की आवश्यकता है।
- बढ़ते वैश्विक असमानता और आतंकवाद पर चिंता जताई गई।
- 2050 तक परमाणु क्षमता 2.5 गुना बढ़ने की उम्मीद है।
वियना, 16 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) का 69वां आम सम्मेलन वियना में आरंभ हुआ, जिसमें परमाणु ऊर्जा और प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग तथा 'वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था की रक्षा' की आवश्यकता पर ध्यान दिया गया।
इस बैठक में आईएईए के सदस्य देशों, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित 2,500 से अधिक प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं। यह बैठक 19 सितंबर तक चलेगी।
इस दौरान प्रतिनिधि एजेंसी की 2024 की वार्षिक रिपोर्ट और 2026 के बजट की समीक्षा करेंगे। साथ ही, परमाणु विज्ञान और उसके प्रयोगों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करेंगे, जिसमें यूक्रेन, मध्य पूर्व और कोरिया लोकतांत्रिक जनवादी गणराज्य में सुरक्षा और संरक्षण जैसी बातें शामिल हैं।
वियना स्थित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) कार्यालय के महानिदेशक गाडा वैली के संदेश में, संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि आईएईए यह सुनिश्चित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है कि परमाणु विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए किया जाए।
उन्होंने कहा, "हम सभी मिलकर यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि ये उपकरण विकास को बढ़ावा दें और मानवता की सुरक्षा करें।"
गुटेरेस ने परमाणु प्रसार के खतरे को समाप्त करने के लिए निरंतर प्रयास करने का आग्रह किया।
आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने सम्मेलन के एक महत्वपूर्ण क्षण में आयोजित होने की बात कही। उन्होंने आतंकवाद, सशस्त्र संघर्षों और बढ़ती वैश्विक असमानता के बीच परमाणु मानदंडों के कमजोर होने का जिक्र किया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, उन्होंने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को सूचित किया है कि वैश्विक परमाणु अप्रसार व्यवस्था पर भारी दबाव है और इसे संरक्षण की आवश्यकता है।
इससे पहले सोमवार को राफेल ग्रॉसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "हम परमाणु ऊर्जा के मामले में 'सच्चाई की ओर वापसी' भी देख रहे हैं। आंकड़े खुद बयां करते हैं: 2050 तक, परमाणु क्षमता 2.5 गुना तक बढ़ने की उम्मीद है। लगभग 40 देश परमाणु ऊर्जा विकसित कर रहे हैं, कुछ पहली बार। पहली बार, वर्ल्ड बैंक परमाणु परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए तैयार है। इस साल के अंत में, हम ब्राजील के बेलेम में होने वाले सीओपी-30 में यह संदेश देंगे।"