क्या इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को गाजा में मानवीय सहायता बहाल करने का आदेश दिया?

सारांश
Key Takeaways
- इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने इजरायल को गाजा में मानवीय सहायता बहाल करने का आदेश दिया।
- इजरायल को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करना चाहिए।
- गाजा में लोग भुखमरी और अकाल का सामना कर रहे हैं।
- इजरायल को यूएनआरडब्ल्यूए के साथ काम करने के लिए बाध्य होना चाहिए।
- अमेरिकी विदेश विभाग ने भी आईसीजे की राय की आलोचना की है।
संयुक्त राष्ट्र, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने गाजा में मानवीय सहायता पर रोक को लेकर इजरायल को कड़ी चेतावनी दी है। आईसीजे ने इजरायल को सलाह दी है कि वह फिलिस्तीनी क्षेत्रों में अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का पालन करे और वहां के लोगों को राहत उपलब्ध कराने के लिए संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के साथ सहयोग करे।
यह जानकारी महासभा के अनुरोध पर बुधवार को हेग में जारी की गई, जो केवल एक सलाहकारी राय है। इजरायल इस राय का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है, लेकिन इसे संयुक्त राष्ट्र की जीत के रूप में देखा जा रहा है।
आईसीजे ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया में कहा कि इजरायल ने वहां के नागरिकों को भुखमरी की स्थिति में डाल दिया है। उसे imposed प्रतिबंधों को सम्मान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि फिलिस्तीन में लोगों को बुनियादी आवश्यकताएं जैसे भोजन, पानी, वस्त्र, बिस्तर, ईंधन, चिकित्सा सामग्री और सेवाएं प्राप्त हों।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि गाजा में लोग अकाल और भुखमरी के खतरे का सामना कर रहे हैं क्योंकि इजरायल ने हमास के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई के दौरान राहत सामग्री को क्षेत्र में प्रवेश करने से रोक दिया है।
आईसीजे ने कहा कि इजरायल को संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के साथ काम करने के लिए बाध्य होना चाहिए। यूएनआरडब्ल्यूए फिलिस्तीनी लोगों को खाद्य सहायता और अन्य सेवाएं प्रदान करती है।
हालांकि, इजरायल ने इस संगठन पर प्रभावी तौर पर प्रतिबंध लगा दिया और इसके कर्मचारियों पर हमास से जुड़े होने का आरोप लगाया। इजरायल के स्थायी प्रतिनिधि डैनी डैनन ने सोशल मीडिया पर लिखा कि हेग इजरायल पर आरोप लगाते समय हमास के युद्ध अपराधों और यूएनआरडब्ल्यूए की भूमिका को नजरअंदाज कर रहा है।
इजरायल के विदेश मंत्रालय ने आईसीजे की इस राय का कड़ा विरोध किया और इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का राजनीतिकरण बताया। इजरायल ने यह भी कहा कि आईसीजे का उद्देश्य राजनीतिक नतीजे निकालना है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने भी आईसीजे की इस राय की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह राय इजरायल की अनुचित आलोचना के लिए है और इससे यूएनआरडब्ल्यूए को हमास से जुड़ने और भौतिक समर्थन देने की खुली छूट मिलती है।
हालांकि, यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता ने बताया कि महासचिव ने इस राय का स्वागत किया है। उन्होंने इजरायल से आग्रह किया कि वह आईसीजे के सुझावों का पालन करे और फिलिस्तीन में संयुक्त राष्ट्र और अन्य मानवीय कार्यकर्ताओं की गतिविधियों के संबंध में अपने दायित्वों का पालन करे।