क्या वॉशिंगटन चाहता है कि ईरान अपना सारा समृद्ध यूरेनियम उन्हें सौंप दे?

सारांश
Key Takeaways
- ईरान ने अमेरिका की शर्तों को खारिज किया।
- पेजेशकियान ने समृद्ध यूरेनियम की मांग को अस्वीकार किया।
- प्रतिबंधों का सामना करने के लिए ईरान ने सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया।
- ईरान ने इजरायल के हमलों का विरोध किया।
- ईरान का किसी भी राष्ट्र से विवाद नहीं है।
न्यूयॉर्क, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियान ने तेहरान की ओर प्रस्थान करने से पहले पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका की शर्तें उन्हें मान्य नहीं हैं।
उन्होंने बताया कि वॉशिंगटन ने तेहरान से प्रतिबंधों के संदर्भ में एक शर्त पेश की थी। अमेरिका ने तीन महीने की मोहलत के बदले ईरान से उनका सारा समृद्ध यूरेनियम मांगा था, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया।
पेजेशकियान ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि "हम अपना सारा समृद्ध यूरेनियम उन्हें सौंप दें और इसके बदले में हमें प्रतिबंधों से तीन महीने की छूट दें। यह किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।" यह बयान संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के दौरान आया, जहां ईरान प्रतिबंधों से मुक्ति पाने की कोशिश में है। यूरोपीय देशों ने 'स्नैपबैक' के मुद्दे पर अपना निर्णय सुनाया है।
ईरानी समाचार एजेंसी मेहर ने पेजेशकियान की उस बैठक का जिक्र किया जिसमें उन्होंने किसी भी प्रतिबंध के सामने झुकने से इंकार किया था। वास्तव में, पेजेशकियान ने कुछ ईरानी प्रवासियों के साथ अमेरिका में एक बैठक की। इस दौरान उन्होंने इजरायल को निशाने पर लेते हुए कहा कि इजरायली शासन को गलतफहमी थी कि लोग ईरान पर उसके हमले का समर्थन करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि दुश्मन यह सोचता है कि वह प्रतिबंधों और स्नैपबैक के माध्यम से ईरान के लिए समस्याएँ पैदा कर सकता है। लेकिन ऐसी समस्याएँ हमारे राष्ट्र को और मजबूत और दृढ़ बनाती हैं। पेजेशकियान ने स्पष्ट किया कि ईरान
पड़ोसी देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के प्रयासों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि 17 पड़ोसी राज्यों के साथ संपर्क स्थापित करना ईरान के लिए प्रतिबंधों को बेअसर करने के लिए काफी है।