क्या तेहरान और यूरोपीय देशों के बीच वार्ता से तनाव कम होगा?

सारांश
Key Takeaways
- ईरान और यूरोपीय देशों के बीच वार्ता का आरंभ।
- यूरेनियम संवर्धन जारी रखने की ईरान की प्रतिबद्धता।
- अमेरिका और इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद की स्थिति।
- क्षेत्रीय तनाव को कम करने की संभावनाएं।
- ईरान का स्पष्ट रुख और बातचीत का उद्देश्य।
इस्तांबुल, २५ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। ईरान और यूरोप के तीन प्रमुख देशों फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी के बीच शुक्रवार को इस्तांबुल में स्थित ईरानी वाणिज्य दूतावास में वार्ता की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। इन तीनों देशों को ई-3 समूह के नाम से जाना जाता है।
यह वार्ता ऐसे समय पर हो रही है जब जून में ईरान के परमाणु स्थलों पर अमेरिका और इजरायल द्वारा किए गए हमलों के बाद दोनों पक्ष पहली बार आमने-सामने चर्चा कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह ईरानी प्रतिनिधिमंडल और ई-3 देशों के वरिष्ठ राजनयिक इस्तांबुल पहुंचे। इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य यह जानना है कि क्या तेहरान पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए किसी समझौते के लिए तैयार है।
बातचीत शुरू होने से पहले ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराकची ने स्पष्ट किया कि ईरान की स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं आया है।
उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “हम यूरेनियम संवर्धन जारी रखेंगे; यह ईरानी जनता का अधिकार है और हम इससे पीछे नहीं हटेंगे।” अराकची ने आगे कहा, “आज की बातचीत पिछले संवादों का ही हिस्सा है और दुनिया को यह समझ लेना चाहिए कि हमारा रुख स्पष्ट और अडिग है।”
बता दें कि पिछले महीने अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान के कुछ परमाणु स्थलों पर हमले किए गए थे, जिसके बाद क्षेत्र में तनाव और बढ़ गया है। अब इस बातचीत को परमाणु कार्यक्रम को लेकर बढ़ते गतिरोध को सुलझाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
इजरायल और ईरान के बीच कई दिनों तक हमलों का दौर जारी रहा था, जिससे दोनों देशों के इंफ्रास्ट्रक्चर को काफी नुकसान हुआ है।
इसके साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चेतावनी दे चुके हैं कि अगर ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को फिर से आगे बढ़ाया, तो अमेरिका बिना कुछ सोचे समझे ईरान पर फिर से बमबारी करेगा।
इजरायल-ईरान युद्ध से पहले तेहरान और वाशिंगटन के बीच ओमान की मध्यस्थता में पांच दौर की परमाणु वार्ता हुई थी। इस दौरान ईरान में यूरेनियम एनरिचमेंट जैसे मुद्दे पर असहमति बनी रही।