क्या इजरायली ड्रोन ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया?

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क्या इजरायली ड्रोन ने दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों को निशाना बनाया?

सारांश

दक्षिणी लेबनान में इजरायली सेना के ड्रोन हमले ने हिज्बुल्लाह के ठिकानों को फिर से एक बार सवालों के घेरे में लाकर रख दिया। यह घटना न केवल सैन्य रणनीति का हिस्सा है, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। जानिए इस हमले के पीछे की कहानी और इसके संभावित परिणामों के बारे में।

Key Takeaways

  • इजरायली सेना ने हिज्बुल्लाह के ठिकानों पर हमले किए।
  • बैठक में हिज्बुल्लाह का निरस्त्रीकरण चर्चा का विषय था।
  • हवाई हमले में तीन हिज्बुल्लाह सदस्य मारे गए।
  • अमेरिकी मध्यस्थता से बातचीत हुई।
  • क्षेत्रीय सुरक्षा को खतरा है।

यरूशलेम, 22 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल की सेना ने दक्षिणी लेबनान में हिज्बुल्लाह के कई सदस्यों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले किए। आईडीएफ का दावा है कि ये सदस्य हिज्बुल्लाह के सैन्य ढांचे को पुनर्स्थापित करने का प्रयास कर रहे थे।

आईडीएफ के प्रवक्ता ने कहा, "इजरायल डिफेंस फोर्सेज ने दक्षिणी लेबनान के सिदोन क्षेत्र में हिज्बुल्लाह आतंकियों को निशाना बनाकर हमले किए।"

इजरायली और लेबनानी स्रोतों के अनुसार, शुक्रवार को दोनों पक्षों ने कई मुद्दों पर बातचीत की थी, जिसमें हिज्बुल्लाह का निरस्त्रीकरण और लेबनान के दक्षिणी सीमावर्ती गांवों में निवासियों की घर वापसी शामिल थी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका की मध्यस्थता में संपन्न हुई यह बैठक दक्षिण-पश्चिम लेबनान के नकौरा शहर में हुई। यह इजरायल की उत्तरी सीमा के निकट स्थित है। इजरायल की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद में विदेश नीति के उप निदेशक योसेफ ड्रेजिन ने बातचीत में भाग लिया, जबकि लेबनानी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व अमेरिका में लेबनान के पूर्व राजदूत साइमन करम ने किया।

इजरायल ने इस पर एक बयान जारी करते हुए कहा कि यह बैठक हिज्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण और आर्थिक परियोजनाओं को आगे बढ़ाने पर केंद्रित थी। इसमें हिज्बुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई और सीमा के दोनों ओर सुरक्षा सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया।

लेबनानी राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान में कहा गया कि बातचीत के दौरान, करम ने विस्थापित ग्रामीणों की उनके घरों में सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए मानवीय सहायता प्रदान करने पर जोर दिया।

हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच 27 नवंबर, 2024 से युद्धविराम समझौता लागू है, लेकिन इजरायल कभी-कभी हिज्बुल्लाह की ओर से किसी भी संभावित खतरे को खत्म करने के उद्देश्य से हमले करता रहा है।

इस महीने की शुरुआत में, दोनों देशों ने नकौरा में अपनी पहली सीधी बातचीत की थी, जिसे इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने "इजरायल और लेबनान के बीच संबंधों और आर्थिक सहयोग की नींव रखने का पहला प्रयास" बताया था।

लेबनानी अधिकारियों और सुरक्षा स्रोतों ने बताया कि 14 दिसंबर को दक्षिणी लेबनान में इजरायली ड्रोन हमलों में हिज्बुल्लाह के तीन सदस्य मारे गए थे और एक घायल हो गया था।

लेबानन की सरकारी समाचार एजेंसी नेशनल न्यूज एजेंसी ने बताया कि एक इजरायली ड्रोन ने बिंत जबेल जिले के याटर गांव में एक मोटरसाइकिल को लक्ष्य बनाया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और दूसरा घायल हो गया। एक अन्य ड्रोन ने सफद अल-बत्तीख और बाराचित शहरों के बीच एक कार को निशाना बनाया, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई। एजेंसी ने बताया कि जौइया गांव में भी एक कार पर हवाई हमला हुआ और तीसरे व्यक्ति की मौत हो गई।

एक लेबनानी सुरक्षा सूत्र ने बताया कि मारे गए तीनों लोग हिज्बुल्लाह के सदस्य थे। आईडीएफ ने कहा, "आतंकवादी हिज्बुल्लाह के आतंकवादी ढांचे को फिर से बनाने की कोशिशों में शामिल थे, और उनकी गतिविधियां इजरायल और लेबनान के बीच हुई सहमति का उल्लंघन थीं।"

Point of View

बल्कि स्थानीय निवासियों के जीवन को भी खतरे में डालते हैं। सरकारों को इस स्थिति का समाधान खोजने की आवश्यकता है ताकि शांति और स्थिरता को सुनिश्चित किया जा सके।
NationPress
22/12/2025

Frequently Asked Questions

इजरायली ड्रोन हमले का उद्देश्य क्या था?
इजरायली ड्रोन हमले का उद्देश्य हिज्बुल्लाह के सदस्यों को निशाना बनाना और उनके सैन्य ढांचे को फिर से स्थापित करने के प्रयासों को रोकना था।
क्या हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच युद्धविराम समझौता है?
हाँ, हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच 27 नवंबर, 2024 से युद्धविराम समझौता लागू है।
क्या इजरायल के हमले से स्थानीय निवासियों पर असर पड़ा है?
जी हाँ, इजरायली हमलों के कारण स्थानीय निवासियों की सुरक्षा और उनके जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।
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