क्या इमरान खान के जेल में व्यवहार को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ रहा है अंतर्राष्ट्रीय दबाव?

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क्या इमरान खान के जेल में व्यवहार को लेकर पाकिस्तान पर बढ़ रहा है अंतर्राष्ट्रीय दबाव?

सारांश

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की हिरासत के मामले में शहबाज सरकार पर बढ़ रहा अंतर्राष्ट्रीय दबाव एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। क्या यह स्थिति पाकिस्तान की लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को खतरे में डाल सकती है? जानिए इस पर विशेष रिपोर्ट।

Key Takeaways

  • इमरान खान की हिरासत पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ रहा है।
  • जेल में अत्याचार एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है।
  • संयुक्त राष्ट्र ने तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
  • खान के साथ अकेले रखने की स्थिति पर चिंता जताई गई है।
  • पाकिस्तान को अपने मानवाधिकार मानकों को सुधारने की आवश्यकता है।

नई दिल्ली, 14 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर शहबाज सरकार पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रमुख इमरान खान के साथ जेल में हो रहा अत्याचार अब एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है।

एक दिन पहले, इमरान खान की पहली पत्नी जेमिमा खान ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एलन मस्क को टैग करते हुए मदद की अपील की थी। दूसरी ओर, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों का आरोप है कि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को लंबे समय तक अकेले रखा गया है, जो मानसिक टॉर्चर जैसा है।

इस समय पाकिस्तान को घरेलू आलोचना के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थाओं और कानूनी समूहों की तरफ से भी औपचारिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ रहा है। विभिन्न संस्थाओं और व्यक्तियों ने खान को अकेले रखने और कानूनी पहुंच पर रोक को लेकर चिंता जताते हुए इस्लामाबाद को एक पत्र लिखा है।

वैश्विक संगठनों ने चेतावनी दी है कि चुने हुए पूर्व प्रधानमंत्री को अकेला रखने के गंभीर लोकतांत्रिक और साइकोलॉजिकल असर होते हैं। खान के हालात पर संयुक्त राष्ट्र की स्पेशल रिपोर्ट में कड़े शब्दों में आलोचना की गई है। यूएन की स्पेशल रिपोर्टर एलिस जिल एडवर्ड्स ने पाकिस्तान से अमानवीय और अपमानजनक हिरासत की स्थितियों की रिपोर्टों के जवाब में तुरंत और प्रभावी कार्रवाई करने का आग्रह किया।

एडवर्ड्स ने कहा कि “अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार कानून के तहत लंबे समय तक या बिना किसी रोक-टोक के अकेले में रखना मना है। जब अकेलापन 15 दिनों से ज्यादा हो जाता है, तो यह एक तरह का साइकोलॉजिकल टॉर्चर बन जाता है। खान की अकेले में रखी गई कैद को बिना देर किए हटाना चाहिए।” उन्होंने इस तरह के व्यवहार के कारण खान के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरे नतीजों के प्रति आगाह किया।

इमरान खान को जेल में लंबे समय तक अकेले रखना अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार स्टैंडर्ड का उल्लंघन है। इसलिए मामले में तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग उठ रही है।

खान के करीबी सहयोगी और खैबर पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री मुहम्मद सोहैब अफरीदी ने हाल ही में यह दावा किया है कि खान के साथ जेल में बुरा बर्ताव किया जा रहा है।

सीएम अफरीदी ने आरोप लगाया कि अदियाला जेल प्रशासन ने इमरान खान की पत्नी बुशरा बीबी को 10वीं बार खान से मिलने की इजाजत नहीं दी है, जिससे पारदर्शिता और पहुंच को लेकर आलोचना बढ़ गई है।

वहीं, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के राजनीतिक मामलों के सलाहकार राणा सनाउल्लाह ने कहा कि इमरान खान से मुलाकात को इंटेलिजेंस रिपोर्ट के आधार पर मना कर दिया गया था। सनाउल्लाह ने आरोप लगाया कि खान का इरादा इस्लामाबाद में 26 नवंबर के विरोध प्रदर्शनों जैसा एक और आयोजन करने का था।

खान के करीबी सहयोगी डॉ. सलमान अहमद ने खुले तौर पर आर्मी चीफ फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर पूर्व प्रधानमंत्री के खिलाफ गैरकानूनी काम करने का आरोप लगाया है।

वहीं खान की पहली बेगम जेमिमा खान ने एक्स पर एलन मस्क को टैग करते हुए लिखा, "हमारे दोनों बेटों ने इतने समय से उन्हें नहीं देखा है, महीनों से उनसे बात नहीं की है और उन्हें चिट्ठी भेजने की भी इजाजत नहीं है। उनका नाम हर पाकिस्तानी टीवी और रेडियो स्टेशन से बैन है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने इमरान खान के करीबी लोगों की आलोचना को अपनी प्राथमिकता बना लिया है।

Point of View

NationPress
14/12/2025

Frequently Asked Questions

इमरान खान की गिरफ्तारी का कारण क्या है?
इमरान खान की गिरफ्तारी का कारण उनके राजनीतिक कदम और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने का आरोप है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का इस पर क्या कहना है?
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इमरान खान के साथ हो रहे व्यवहार की कड़ी आलोचना की है और तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
क्या इमरान खान को न्याय मिलेगा?
इसका जवाब अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ने के साथ ही उनकी स्थिति में सुधार की संभावना है।
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