क्या जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन जिहादी कोर्स शुरू किया?

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क्या जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन जिहादी कोर्स शुरू किया?

सारांश

नई दिल्ली से एक चौंकाने वाली खबर। जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए ऑनलाइन जिहादी कोर्स शुरू किया है। इस कोर्स का उद्देश्य महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ना और संगठन के नेटवर्क में शामिल करना है। जानिए इस नए अभियान के पीछे की सच्चाई और सुरक्षा एजेंसियों की चिंता।

Key Takeaways

  • जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया है।
  • इस कोर्स का उद्देश्य महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ना है।
  • महिलाओं से चंदा वसूलने की योजना है, जिसमें हर महिला से 500 रुपये लिए जाएंगे।
  • सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इन महिलाओं का उपयोग आत्मघाती हमलों में हो सकता है।
  • यह अभियान पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं को चुनौती देता है।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित और पाकिस्तान से प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। इस संगठन ने हाल ही में अपनी महिला विंग ‘जमात-अल-मुमिनात’ की स्थापना की और अब महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स प्रारंभ किया है।

इस ऑनलाइन प्रशिक्षण का नाम ‘तुफत-अल-मुमिनात’ रखा गया है। आतंकवादी मसूद अजहर की बहनें इस कोर्स की लाइव क्लासें संचालित करेंगी। पाकिस्तान के कट्टर सामाजिक ढांचे में जहां महिलाओं का अकेले बाहर निकलना कठिन माना जाता है, वहीं जैश-ए-मोहम्मद ने ऑनलाइन माध्यम का उपयोग करके महिलाओं की भर्ती को बढ़ावा दिया है।

संगठन का उद्देश्य अपनी महिला ब्रिगेड को आईएसआईएस, हमास और एलटीटीई जैसे आतंक संगठनों के ढांचे के अनुसार तैयार करना है। सुरक्षा एजेंसियों को चिंता है कि भविष्य में इन महिलाओं का उपयोग आत्मघाती या फिदायीन हमलों में किया जा सकता है। जैश-ए-मोहम्मद ऑनलाइन प्रशिक्षण और कोर्स के माध्यम से नई भर्ती और फंड इकट्ठा करने की योजना बना रहा है।

इस कोर्स के माध्यम से जैश न केवल महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा है, बल्कि उनसे चंदा भी वसूल रहा है। हर महिला प्रतिभागी से 500 पाकिस्तानी रुपये ‘दान’ के रूप में लिए जा रहे हैं। यह संगठन महिलाओं से एक ऑनलाइन सूचना फॉर्म भी भरवा रहा है ताकि उन्हें जैश के नेटवर्क में शामिल किया जा सके।

खुफिया रिपोर्टों के अनुसार, यह ऑनलाइन कोर्स 8 नवम्बर से प्रारंभ होगा, जिसमें रोजाना 40 मिनट की लाइव ऑनलाइन क्लास आयोजित की जाएगी। इन क्लासों को मसूद अजहर की बहनें सादिया अजहर और समायरा अजहर संचालित करेंगी।

जानकारी के अनुसार, इन सत्रों में महिलाओं को ‘जिहाद’, ‘धर्म’ और ‘इस्लाम के दृष्टिकोण से कर्तव्यों’ के बारे में बताया जाएगा, ताकि उन्हें ‘जमात-उल-मुमिनात’ महिला ब्रिगेड से जोड़ा जा सके। यह जैश की नई रणनीति है, जिसका उद्देश्य महिलाओं के माध्यम से आतंक नेटवर्क का विस्तार करना है। यह कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं को उजागर करता है।

एक ओर, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंक के वित्तपोषण को रोकने का दावा करता है, वहीं दूसरी ओर जैश जैसे संगठन और मरकज अब ऑनलाइन क्लासों के जरिए खुलेआम चंदा इकट्ठा कर रहे हैं। नवगठित जमात-अल-मुमिनात की कमान सादिया अजहर को सौंपी गई है।

सादिया के पति यूसुफ अजहर की मौत भारतीय सेना द्वारा शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर में हुई थी। इस महिला ब्रिगेड की शूरा में मसूद अजहर की एक और बहन साफिया और उमर फारूक की पत्नी अफरीरा फारूक शामिल हैं। उमर फारूक वही आतंकी है जिसने पुलवामा हमले को अंजाम दिया और बाद में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया।

हालिया घटनाक्रम के अनुसार, 8 अक्टूबर को मसूद अजहर ने ‘जमात-अल-मुमिनात’ के गठन की घोषणा की। 19 अक्टूबर को पीओके के रावलकोट में ‘दुख़्तरान-ए-इस्लाम’ नाम से कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को संगठन से जुड़ने का आह्वान किया गया।

इससे पहले, 27 सितंबर को मसूद अजहर ने बहावलपुर के मरकज उस्मान ओ अली में फंड इकट्ठा करने की अपील की थी। रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद की यह नई चाल पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के डिजिटल विस्तार की स्पष्ट झलक दिखाती है, जिसमें अब महिलाओं को भी आतंक की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि जैश-ए-मोहम्मद का यह नया अभियान सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। महिलाओं की भर्ती का यह तरीका न केवल आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि यह पाकिस्तान की आतंकवादियों की वित्तपोषण की नीति को भी उजागर करता है। हमें इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है और इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
NationPress
22/10/2025

Frequently Asked Questions

जैश-ए-मोहम्मद का नया ऑनलाइन कोर्स कब शुरू होगा?
यह ऑनलाइन कोर्स 8 नवम्बर से शुरू होगा।
इस कोर्स में महिलाओं से क्या अपेक्षा की जाएगी?
महिलाओं से प्रतिदिन 40 मिनट की क्लास में भाग लेने की अपेक्षा की जाएगी।
इस कोर्स में महिलाओं से चंदा क्यों लिया जा रहा है?
महिलाओं से 500 पाकिस्तानी रुपये 'दान' के रूप में लिए जा रहे हैं।