क्या लुसाका में जाम्बिया को चीन की खाद्य सहायता परियोजना का हस्तांतरण समारोह आयोजित हुआ?

सारांश
Key Takeaways
- चीन ने जाम्बिया को 35 लाख अमेरिकी डॉलर की खाद्य सहायता प्रदान की है।
- यह सहायता जलवायु परिवर्तन से प्रभावित क्षेत्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
- समारोह में जाम्बिया की उप राष्ट्रपति ने चीन के समर्थन की प्रशंसा की।
- इस सहायता से लगभग 5,641 टन मकई का आटा खरीदा जाएगा।
- यह परियोजना चीन के दक्षिण-दक्षिण सहयोग की एक मिसाल है।
बीजिंग, 22 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन सरकार और संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा जाम्बिया को दी गई 35 लाख अमेरिकी डॉलर की खाद्य सहायता परियोजना का हस्तांतरण समारोह राजधानी लुसाका में आयोजित किया गया।
इस समारोह में, जाम्बिया में चीनी राजदूत हान चिंग ने कहा कि चीन और जाम्बिया के बीच पारंपरिक मित्रता रही है। चीन सरकार लंबे समय से विभिन्न तरीकों से जाम्बिया के विकास में सहयोग करती रही है। यह खाद्य सहायता परियोजना चीन, जाम्बिया और यूएन विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा संयुक्त रूप से कार्यान्वित की जा रही है। यह वैश्विक विकास पहलों के कार्यान्वयन में चीन की ठोस कार्रवाई को दर्शाती है, और चीन-जाम्बिया व्यापक रणनीतिक सहयोग साझेदारी को और मजबूत करेगी।
वहीं, जाम्बिया की उप राष्ट्रपति मुताले नालुमांगो ने जाम्बिया को दिए गए समर्थन के लिए चीन सरकार और विश्व खाद्य कार्यक्रम का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह सहायता जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में विकासशील देशों की मदद करने में चीन की मजबूत कार्रवाई को दर्शाती है। खाद्य सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा है। सूखे ने जाम्बिया पर गंभीर और दीर्घकालिक प्रभाव डाला है। यह सहायता बहुत समयोचित है। जाम्बिया सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि खरीदा गया भोजन वास्तविक जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाया जाए।
बताया गया है कि यह खाद्य सहायता चीन सरकार द्वारा वैश्विक विकास और दक्षिण-दक्षिण सहयोग कोष के अंतर्गत संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम को दी गई थी। इसका उपयोग लगभग 5,641 टन मकई का आटा खरीदने में किया जाएगा, ताकि जाम्बिया के दक्षिणी और पश्चिमी प्रांतों में सूखे से प्रभावित जरूरतमंद लोगों को खाद्य सहायता प्रदान की जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)