क्या जापान के प्राथमिक विद्यालयों में केवल डिजिटल टेक्स्टबुक्स से होगी पढ़ाई?

सारांश
Key Takeaways
- जापान ने डिजिटल पाठ्यपुस्तकों के उपयोग का निर्णय लिया है।
- यह कदम 2030 से सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में लागू होगा।
- डिजिटल पाठ्यपुस्तकें शिक्षा में नई तकनीकों का समावेश करेंगी।
- विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं का उल्लेख किया है।
- क्यूआर कोड के माध्यम से डिजिटल सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी।
टोक्यो, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान ने बुधवार को निर्णय लिया है कि स्कूलों में पाठ्यपुस्तकों का उपयोग अब केवल डिजिटल रूप में होगा। यह कदम २०३० के वित्तीय वर्ष से सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में भी लागू करने की योजना है।
जापानी समाचार एजेंसी क्योदो के अनुसार, शिक्षा मंत्रालय ने स्थानीय शिक्षा बोर्डों को इस बदलाव के बारे में सूचित कर दिया है। मंत्रालय ने विकल्प की गुंजाइश भी रखी है, जिससे स्थानीय शिक्षा बोर्ड डिजिटल के साथ पेपर टेक्स्टबुक्स का उपयोग कर सकेंगे या फिर केवल पेपर टेक्स्टबुक्स का विकल्प चुन सकते हैं।
केंद्रीय शिक्षा परिषद ने कहा है कि इस कदम से पाठ्यपुस्तकों के विकल्प बढ़ेंगे, जो समाज के बढ़ते डिजिटल स्वरूप के अनुरूप होंगे, और इससे नई, रचनात्मक शिक्षण पद्धतियों का विकास होगा।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है कि डिजिटल पाठ्यपुस्तकों के उपयोग से शिक्षकों और पाठ्यपुस्तक प्रकाशकों पर बोझ बढ़ सकता है, और छात्रों की आंखों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शिक्षा, संस्कृति, खेल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय का लक्ष्य २०२६ के साधारण सत्र के दौरान संबंधित कानूनों में संशोधन के लिए विधेयक प्रस्तुत करना है।
जापान में डिजिटल पाठ्यपुस्तकें पहले से ही वैकल्पिक शिक्षण सामग्री के रूप में उपयोग में हैं, जिनके लिए अलग से सरकारी अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होती है।
नई प्रणाली के तहत, पाठ्यपुस्तकों में क्यूआर कोड के माध्यम से प्राप्त की जाने वाली डिजिटल पाठ्यपुस्तकों और शिक्षण सामग्री की नए सिरे से जांच की जाएगी ताकि सामग्री की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके।
एक ओर जापान डिजिटल पाठ्यपुस्तक की बात कर रहा है, वहीं दूसरी ओर, देश के एक शहर की महानगरपालिका ने डेली स्क्रीन टाइम को २ घंटे तक सीमित करने का आदेश जारी किया है। जापान के आइची प्रांत की टोयोआके नगरपालिका ने सभी निवासियों से स्मार्टफोन के उपयोग को सीमित करने का आग्रह किया है, जो १ अक्टूबर से लागू होगा।