क्या जापान ने चीनी फाइटर जेट्स द्वारा अपने विमानों पर रडार लॉक होने का दावा किया?

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क्या जापान ने चीनी फाइटर जेट्स द्वारा अपने विमानों पर रडार लॉक होने का दावा किया?

सारांश

जापान ने ओकिनावा द्वीपों के पास चीनी फाइटर जेट्स द्वारा अपने विमानों पर रडार लॉक करने का दावा किया है। बीजिंग ने विरोध किया है। यह घटना दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाती है। क्या यह स्थिति और भी गंभीर हो जाएगी?

Key Takeaways

  • जापान ने ओकिनावा में चीनी फाइटर जेट्स के रडार लॉक का दावा किया।
  • बीजिंग ने इसे खारिज किया है।
  • यह स्थिति दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा सकती है।
  • जापान ने अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी।
  • ताइवान को लेकर संबंधों में कड़वाहट बढ़ी है।

टोक्यो, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान ने रविवार को यह कहा कि ओकिनावा द्वीपों के आस-पास एक ऐसी घटना घटी है जो उनके देश की सुरक्षा के लिए नकारात्मक है। दावा किया गया है कि दो 'खतरनाक' घटनाओं में चीनी फाइटर जेट्स ने जापानी मिलिट्री एयरक्राफ्ट पर फायर-कंट्रोल रडार लॉक किया। हालांकि, बीजिंग ने इस आरोप को खारिज किया।

चीनी फाइटर्स ने ओकिनावा के पास जापानी विमानों को रडार से लॉक किया, जो किसी सैन्य टकराव से पहले का एक खतरनाक कदम माना जाता है।

रक्षा मंत्री शिंजिरो कोइजुमी ने एक्स पर कहा, "ये रडार लॉकिंग एयरक्राफ्ट की सुरक्षित उड़ान के लिए ठीक नहीं है," और बताया कि जापान ने शनिवार की "अफसोसनाक" घटना पर चीन के सामने विरोध दर्ज कराया है।

जापान टुडे के अनुसार, टोक्यो में ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस के साथ बैठक में, कोइजुमी ने कहा कि जापान इलाके में शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए चीन के बर्ताव का दृढ़ता से जवाब देगा।

चीनी (पीएलए) नेवी के प्रवक्ता, कर्नल वांग जुएमेंग ने कहा कि जापानी एयरक्राफ्ट बार-बार चीनी नेवी के पास आए और उन्हें रोका, क्योंकि वह मियाको स्ट्रेट के पूरब में पहले से घोषित कैरियर-बेस्ड फ्लाइट ट्रेनिंग कर रहे थे।

जापान और चीन दोनों के दावों वाले द्वीपों के पास हुई मुठभेड़ें दोनों सेनाओं के बीच की सबसे गंभीर टकरावों में से एक हैं, जिससे पूर्वी एशियाई ताकतों के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है।

चीनी अखबार असाही शिंबुन ने बताया कि इस घटना में किसी भी चीनी एयरक्राफ्ट ने जापानी एयरस्पेस का उल्लंघन नहीं किया।

पिछले महीने जापानी प्रधानमंत्री साने ताकाइची के चेतावनी देने के बाद से रिश्ते बिगड़ गए हैं कि यदि ताइवान के खिलाफ चीन की कोई भी सैन्य कार्रवाई जापान की सुरक्षा के लिए खतरा बनती है, तो जापान उसका जवाब दे सकता है।

किसी अन्य एयरक्राफ्ट पर फायर-कंट्रोल रडार लगाना एक खतरनाक कदम है। यह संभावित हमले का संकेत देता है और टारगेट किए गए विमान को बचने के लिए मजबूर कर सकता है। जापान ने यह नहीं बताया कि चीनी विमानों ने अपने अटैक के लिए रडार लॉक किया था या नहीं, या जापानी एयरक्राफ्ट ने कैसे प्रतिक्रिया दी।

वांग ने कहा कि जापान का बयान गलत है और उनकी हरकतों से फ्लाइट की सुरक्षा गंभीर रूप से खतरे में पड़ गई थी।

वांग ने कहा, "चीनी नेवी अपनी सुरक्षा और कानूनी अधिकारों और हितों की पूरी तरह से रक्षा करने के लिए कानून के अनुसार जरूरी कदम उठाएगी।"

चीनी मिलिट्री मामलों के विशेषज्ञ सोंग झोंगपिंग ने कहा कि जापानी पक्ष ने भी माना है कि चीनी एयरक्राफ्ट जापानी एयरस्पेस में नहीं घुसे। इससे पता चलता है कि जापानी पक्ष ही गुनहगार है, जो खुद को पीड़ित बता रहा है और असली पीड़िता पर इल्जाम डाल रहा है।

ताइवान को लेकर चीन-जापान तनाव बढ़ने के साथ, बीजिंग ने अपने नागरिकों को जापान की यात्रा न करने की सलाह दी और जापान द्वारा खराब फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट से ट्रीटेड पानी छोड़ने के बाद सस्पेंड किए गए सीफूड इंपोर्ट को फिर से शुरू करने की योजना को रोक दिया।

चीन लोकतांत्रिक रूप से शासित ताइवान पर दावा करता है और उसने द्वीप के खिलाफ मिलिट्री और राजनीतिक दबाव बढ़ा दिया है, जिसकी सरकार बीजिंग के क्षेत्रीय दावों को खारिज करती है। ताइवान जापान के सबसे पश्चिमी द्वीप, योनागुनी से केवल 110 किमी (70 मील) दूर है।

Point of View

चीन ने अपने कार्यों को उचित ठहराया है। यह स्थिति आगे चलकर और भी जटिल हो सकती है।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

जापान ने किस घटना का दावा किया है?
जापान ने दावा किया है कि चीनी फाइटर जेट्स ने उनके मिलिट्री एयरक्राफ्ट पर फायर-कंट्रोल रडार लॉक किया है।
बीजिंग ने जापान के आरोपों का क्या जवाब दिया?
बीजिंग ने जापान के आरोपों को खारिज किया है।
चीन और जापान के बीच तनाव का कारण क्या है?
ताइवान को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के कारण यह घटना गंभीर हो गई है।
क्या यह घटना युद्ध की संभावना को बढ़ा सकती है?
हाँ, यह घटना सैन्य टकराव की संभावना को बढ़ा सकती है।
जापान ने इस पर क्या कार्रवाई की है?
जापान ने चीन के सामने विरोध दर्ज कराया है और अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दी है।
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