क्या जिनके पास कुछ नहीं है, उनके पास संविधान की गारंटी है? : पीएम मोदी

सारांश
Key Takeaways
- भारत और नामीबिया के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।
- भारत का संविधान समानता और न्याय की सुरक्षा करता है।
- नामीबिया ने पहली महिला राष्ट्रपति का चुनाव किया, जो एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।
- भारत नामीबिया को यूपीआई तकनीक के माध्यम से आर्थिक सहयोग प्रदान कर रहा है।
- भारत भाभाट्रॉन रेडियोथेरेपी मशीन उपलब्ध कराने की पेशकश कर रहा है।
नई दिल्ली, 9 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय समुदाय को नामीबिया में संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहाँ की संसद में कहा कि भारत और नामीबिया के बीच कई समानताएँ हैं। दोनों देशों ने औपनिवेशिक शासन का विरोध किया और सम्मान और स्वतंत्रता को महत्व दिया। हमारा संविधान समानता, स्वतंत्रता और न्याय की रक्षा करता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम वैश्विक दक्षिण का हिस्सा हैं और हमारे लोगों की आशाएं और सपने समान हैं। भारत अपने ऐतिहासिक संबंधों को नामीबिया के साथ अत्यंत महत्व देता है। हम अपने अतीत को नहीं भूलते हैं बल्कि साझा भविष्य की संभावनाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस गरिमामय सदन को संबोधित करना मेरे लिए एक बहुत बड़ा सम्मान है। मैं यहाँ लोकतंत्र की जननी का प्रतिनिधित्व करते हुए आया हूँ और भारत के 1.4 अरब लोगों की शुभकामनाएं लाया हूँ। मुझे नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार प्राप्त करके गर्व महसूस हो रहा है। हम नामीबिया के विजन 2030 पर मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं, जिसमें हमारे लोग हमारी साझेदारी का केंद्र हैं।
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ महीने पहले नामीबिया ने एक ऐतिहासिक क्षण का जश्न मनाया जब उसने अपनी पहली महिला राष्ट्रपति का चुनाव किया। हम आपके इस खुशी में शामिल हैं, क्योंकि भारत में हम भी इस पर गर्व करते हैं। यह संविधान की ताकत है कि एक गरीब आदिवासी परिवार की बेटी आज दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की राष्ट्रपति है। यह संविधान की शक्ति है, जिसने मुझे भी, जो एक गरीब परिवार में पैदा हुआ, तीन बार प्रधानमंत्री बनने का अवसर दिया। जिनके पास कुछ नहीं है, उनके पास संविधान की गारंटी है।
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमें गर्व है कि नामीबिया भारत की यूपीआई तकनीक को अपनाने वाला पहला देश है। इससे लोग तेज़ी से पैसे भेज सकेंगे। हमारा द्विपक्षीय व्यापार 80 करोड़ डॉलर से अधिक हो चुका है, लेकिन हम अभी भी तैयारी कर रहे हैं। हम और भी तेजी से आगे बढ़ेंगे। हमें नामीबिया के युवाओं को समर्थन देने का अवसर मिला है, जो एक ऐसा केंद्र होगा जहाँ व्यावसायिक सपने साकार होंगे। भारत आज अपने विकास के साथ-साथ विश्व के सपनों को भी दिशा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत नामीबिया को भाभाट्रॉन रेडियोथेरेपी मशीन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है, जो उन्नत कैंसर देखभाल में सहायक होगी। यह मशीन 15 देशों में उपयोग की जा चुकी है और इसने लाखों गंभीर कैंसर रोगियों की मदद की है। हम नामीबिया को जन औषधि कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रित करते हैं, जिससे दवाओं की लागत में 50-80 प्रतिशत की कमी आई है। यह कार्यक्रम प्रतिदिन 10 लाख से अधिक भारतीयों की मदद कर रहा है और अब तक 4.5 अरब अमेरिकी डॉलर की स्वास्थ्य देखभाल में बचत करने में मदद कर चुका है।