क्या कजाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजरायल से संबंध मजबूत करेगा?

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क्या कजाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल होकर इजरायल से संबंध मजबूत करेगा?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की है कि कजाकिस्तान इजरायल के साथ अब्राहम समझौते में शामिल हो रहा है। यह समझौता मध्य पूर्व में शांति और सहयोग का एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इसके पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।

Key Takeaways

  • कजाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल होने वाला पहला देश है।
  • यह समझौता इजरायल और मुस्लिम देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाएगा।
  • इससे व्यापार और पर्यटन में वृद्धि की संभावना है।
  • ट्रंप ने अन्य देशों को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है।
  • कजाकिस्तान और इजरायल के बीच ऐतिहासिक संबंध हैं।

नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह जानकारी दी है कि कजाकिस्तान, जो कि एक मुस्लिम देश है, अब इजरायल के साथ अब्राहम समझौते में शामिल होने जा रहा है। यह ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में अब्राहम समझौते में शामिल होने वाला कजाकिस्तान पहला देश है। आइए जानते हैं कि अब्राहम समझौता वास्तव में क्या है और इसकी शुरुआत कब हुई।

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल पर इसका ऐलान करते हुए लिखा, "मैंने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और कजाकिस्तान के राष्ट्रपति कसीम-जोमार्ट तोकायेव के बीच एक शानदार बातचीत की। कजाकिस्तान मेरे दूसरे कार्यकाल का पहला देश है जो अब्राहम समझौते में शामिल हुआ है।"

उन्होंने आगे कहा कि यह दुनियाभर में सेतु बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। आज, मेरे अब्राहम समझौते के माध्यम से और भी कई देश शांति और समृद्धि को अपनाने के लिए कतार में खड़े हैं। हम जल्द ही इसे आधिकारिक बनाने के लिए एक हस्ताक्षर समारोह की घोषणा करेंगे।

ट्रंप ने बताया कि वह कई अन्य देशों से इस शक्ति समूह में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि स्थिरता और विकास के लिए देशों को एकजुट करने में अभी बहुत कुछ बाकी है, वास्तविक प्रगति, वास्तविक परिणाम

अब्राहम समझौते की शुरुआत ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में की थी। 2020 में अब्राहम समझौते की शुरुआत हुई थी, जिसके तहत इजरायल और अरब देशों के बीच आधिकारिक तौर पर संबंध स्थापित किए गए थे। यहूदी, ईसाई और इस्लाम के पैगंबर के नाम पर इस समझौते का नाम अब्राहम रखा गया।

राष्ट्रपति ट्रंप की पहल पर संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इजरायल के साथ संबंध स्थापित किए। फिलिस्तीन को लेकर इजरायल और अन्य मुस्लिम देशों के बीच काफी तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई थी। हालांकि, इस समझौते के तहत अरब और मुस्लिम देशों ने इजरायल के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध स्थापित किए।

यूएई के बाद मोरक्को, बहरीन और सूडान भी इसमें शामिल हुए। इस समझौते से जुड़े देशों ने इजरायल में अपनी एंबेसी खोलने पर सहमति जताई। इसके साथ ही व्यापार और पर्यटन की भी शुरुआत हुई, हालांकि गाजा में इजरायल के युद्ध का इस समझौते पर गहरा असर पड़ा।

बीते कुछ वर्षों से इस समझौते में कोई प्रगति देखने को नहीं मिली, लेकिन ट्रंप ने हाल ही में जानकारी दी है कि इस समझौते में अब अन्य कई मुस्लिम देश भी शामिल होंगे। इसका ऐलान आधिकारिक तौर पर किया जाएगा।

कजाकिस्तान की बात करें तो इजरायल के साथ इसके अच्छे संबंध रहे हैं। कजाकिस्तान में 70% आबादी मुस्लिमों की है, फिर भी इजरायल के साथ इसके संबंध अच्छे रहे हैं। अब्राहम में इसके शामिल होने से दोनों देशों के बीच की दोस्ती और मजबूत होगी।

Point of View

बल्कि क्षेत्र में स्थिरता और विकास की संभावनाएं भी खोल सकता है।
NationPress
07/11/2025

Frequently Asked Questions

अब्राहम समझौता क्या है?
अब्राहम समझौता इजरायल और कुछ मुस्लिम देशों के बीच संबंध स्थापित करने का एक प्रयास है, जो 2020 में शुरू हुआ।
कजाकिस्तान का इजरायल के साथ क्या संबंध है?
कजाकिस्तान और इजरायल के बीच ऐतिहासिक रूप से अच्छे संबंध रहे हैं, जिसमें व्यापार और सांस्कृतिक सहयोग शामिल हैं।
अब्राहम समझौते का उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य मध्य पूर्व में शांति, स्थिरता और सहयोग को बढ़ावा देना है।
इस समझौते से कजाकिस्तान को क्या लाभ होगा?
कजाकिस्तान को व्यापार, पर्यटन और सांस्कृतिक संबंधों में वृद्धि की संभावना मिलेगी।
क्या और देश इस समझौते में शामिल होंगे?
जी हां, ट्रंप ने संकेत दिए हैं कि कई अन्य मुस्लिम देश भी इस समझौते में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं।