क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में अराजकता का माहौल बढ़ रहा है?

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क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में अराजकता का माहौल बढ़ रहा है?

सारांश

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति ने वहां के निवासियों के मन में भय पैदा कर दिया है। एचआरसीपी की रिपोर्ट में बढ़ती हिंसा और मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की गई है। क्या इस प्रांत में अराजकता का माहौल स्थायी हो रहा है?

Key Takeaways

  • बिगड़ती सुरक्षा स्थिति खैबर पख्तूनख्वा में गंभीर चिंता का विषय है।
  • एचआरसीपी ने मानवाधिकारों के उल्लंघन पर ध्यान केंद्रित किया है।
  • निवासियों में असुरक्षा और अविश्वास की भावना बढ़ रही है।
  • पत्रकार भी खतरे में हैं।
  • हिंसा का केंद्र विलय किए गए जिले हैं।

इस्लामाबाद, 10 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने खैबर पख्तूनख्वा में बढ़ती सुरक्षा और मानवाधिकार स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। एचआरसीपी ने बताया कि वहां के हालात के कारण प्रांत के निवासियों के मन में गहरी दहशत समाई हुई है।

खैबर पख्तूनख्वा में अराजकता की स्थिति बनी हुई है। पाकिस्तानी मीडिया द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के अनुसार, एचआरसीपी ने कहा कि 2025 में पाकिस्तान में हुए सभी हमलों में से लगभग दो-तिहाई खैबर पख्तूनख्वा में हुए। इनमें मुख्य रूप से सुरक्षा बलों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को निशाना बनाया गया। इस विषय पर पाकिस्तानी मीडिया ने 'क्रॉसफायर में फंसे' शीर्षक से रिपोर्ट प्रकाशित की है।

रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा का केंद्र विलय किए गए जिले हैं। यहां के लोग असुरक्षा, जबरन विस्थापन और न्याय तक सीमित पहुंच जैसी समस्याओं का सामना कर रहे हैं।

हाल ही में ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि परिवारों के सदस्यों को पुलिस या सेना द्वारा उठाया जा रहा है, जिसके बाद वे लापता हो जाते हैं या उनकी हत्या कर दी जाती है।

पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, एचआरसीपी ने बताया है कि प्रभावित समुदाय के लोग मनमाने ढंग से हिरासत में लिए जाने की शिकायत कर रहे हैं। नजरबंदी केंद्र जो कि नागरिक शक्ति की सहायता में अध्यादेश, 2019 के तहत स्थापित किए गए थे, अब भी कार्यरत हैं, और जबरन गायब होने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

रिपोर्ट में यह भी दर्शाया गया है कि यहां की स्थिति को उजागर करने के प्रयास में लगे पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें सेंसरशिप, धमकियों और लक्षित हमलों का सामना करना पड़ रहा है। आदिवासी बुजुर्गों, राजनीतिक समर्थकों और शांति के पैरोकारों को भी हमलों का शिकार होना पड़ रहा है। इससे लोगों में असुरक्षा और अविश्वास की गहरी भावना विकसित हो गई है।

खैबर पख्तूनख्वा के खार तहसील के तंगी इलाके में अज्ञात हमलावरों ने 8 नवंबर को एक चौकी को निशाना बनाया, जिसमें एक पुलिसकर्मी घायल हो गया।

एक अधिकारी ने बताया कि घायल पुलिसकर्मी की पहचान आजाद खान के रूप में हुई है। वह किसी अज्ञात स्थान से हुई गोलीबारी में घायल हुए थे।

Point of View

यह स्पष्ट है कि हमें पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में मानवाधिकारों और सुरक्षा की स्थिति पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यह मुद्दा न केवल स्थानीय निवासियों के लिए बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है। हमें सभी पक्षों की आवाज सुननी चाहिए और समाधान की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए।
NationPress
10/11/2025

Frequently Asked Questions

खैबर पख्तूनख्वा में सुरक्षा स्थिति क्यों बिगड़ रही है?
बिगड़ती सुरक्षा स्थिति का मुख्य कारण वहाँ की अराजकता और बढ़ती हिंसा है, जिसमें सुरक्षा बलों को प्रमुखता से निशाना बनाया जा रहा है।
एचआरसीपी ने क्या रिपोर्ट दी है?
एचआरसीपी ने खैबर पख्तूनख्वा में मानवाधिकारों के उल्लंघन और बढ़ती हिंसा पर चिंता व्यक्त की है।
क्या पत्रकार वहां सुरक्षित हैं?
नहीं, पत्रकार भी वहां की स्थिति को उजागर करने के दौरान धमकियों और हमलों का सामना कर रहे हैं।
क्या लोग जबरन गायब हो रहे हैं?
हाँ, रिपोर्टों के अनुसार, कई लोग पुलिस या सेना द्वारा उठाए जाने के बाद लापता हो रहे हैं।
क्या खैबर पख्तूनख्वा में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है?
जी हां, एचआरसीपी ने मानवाधिकारों के उल्लंघन की घटनाओं की पुष्टि की है।