क्या बांग्लादेश में सुशासन और नियंत्रण की कमी है? बीएनपी का आरोप

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क्या बांग्लादेश में सुशासन और नियंत्रण की कमी है? बीएनपी का आरोप

सारांश

बांग्लादेश में सुशासन की कमी और नियंत्रण के अभाव पर बीएनपी ने उठाए सवाल। पार्टी ने कहा कि रंगदारी और फिरौती के मामलों में वृद्धि से स्थिति चिंताजनक है। क्या यह सरकार सुधारों में सफल होगी?

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में सुशासन की कमी
  • अपराधों में वृद्धि
  • बीएनपी का लोकतंत्र की बहाली का आह्वान
  • अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर चिंता
  • राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी

ढाका, 26 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने शनिवार को मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश में सुशासन और नियंत्रण की पूरी तरह कमी है। पार्टी ने आरोप लगाया कि न तो कोई ठोस सुधार हुए हैं और न ही अपराध पर अंकुश लग पाया है, जिसके चलते देशभर में फिरौती और रंगदारी की घटनाओं में काफी इजाफा हुआ है।

बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने यह टिप्पणी एक पुस्तक विमोचन समारोह में की, जिसमें अंतरिम सरकार के वित्तीय सलाहकार सालेह उद्दीन अहमद भी मौजूद थे। फखरुल ने कहा, "एक व्यवसायी जो पहले 1 लाख टका देता था, अब उसे 5 लाख टका देना पड़ रहा है। कहीं कोई सुशासन या नियंत्रण नहीं है। पुलिस व्यवस्था में भी कोई सुधार नहीं हुआ है।"

उन्होंने लोकतांत्रिक प्रक्रिया की तत्काल बहाली की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "सुधार रातों-रात लागू नहीं हो सकते। इसके लिए समय चाहिए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि लोकतंत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाए। देश को जबरन थोपा गया कोई भी मॉडल स्वीकार्य नहीं होगा। इसलिए समय गंवाए बिना, हमें जनप्रतिनिधियों को संसद भेजकर लोकतांत्रिक रास्ते पर लौटना होगा।"

फखरुल ने अंतरराष्ट्रीय नीतियों में बदलाव को लेकर भी चिंता जताई और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बांग्लादेश पर लगाए गए टैरिफ का उल्लेख करते हुए कहा, "ये टैरिफ भविष्य में हमारे लिए बड़ी परेशानी बन सकते हैं।" उन्होंने जोर दिया कि राजनीतिक दलों को हमेशा देशहित में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।

इससे एक दिन पहले, बीएनपी के वरिष्ठ नेता गायेश्वर चंद्र रॉय ने भी चेतावनी दी थी कि यदि चुनावों में और देर हुई तो अंतरिम सरकार की साख और भी ज्यादा सवालों के घेरे में आ जाएगी। उन्होंने कहा, "अंतरिम सरकार, जो कि निर्वाचित नहीं है, देश के संकटों की जिम्मेदारी लेने से बच सकती है, लेकिन चुनाव में देरी से सरकार पर दबाव और सवाल दोनों बढ़ेंगे।"

गायेश्वर ने यह भी आरोप लगाया, "अंतरिम सरकार की मौजूदगी तक जनता को महसूस नहीं हो रही है।"

बता दें कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली यह अंतरिम सरकार अगस्त 2024 में लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई शेख हसीना सरकार को हटाने के बाद सत्ता में आई थी। हालांकि, अब यह सरकार पारदर्शिता और लोकतंत्र बहाली की दिशा में ठोस रोडमैप देने में असफल रही है।

Point of View

बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय छवि पर भी इसका नकारात्मक असर पड़ रहा है। समय की मांग है कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को बहाल किया जाए और नागरिकों की आवाज को सुना जाए।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

बीएनपी ने सरकार पर क्या आरोप लगाए हैं?
बीएनपी ने आरोप लगाया है कि बांग्लादेश में सुशासन और नियंत्रण की कमी है और अपराध पर अंकुश नहीं लग पाया है।
क्या चुनावों में देरी से सरकार की साख प्रभावित होगी?
हां, बीएनपी के वरिष्ठ नेता गायेश्वर चंद्र रॉय ने चेतावनी दी है कि चुनावों में देरी से अंतरिम सरकार की साख और भी सवालों के घेरे में आ जाएगी।
क्या बांग्लादेश में लोकतंत्र बहाल किया जा सकेगा?
पार्टी का मानना है कि समय गंवाए बिना जनप्रतिनिधियों को संसद भेजकर लोकतांत्रिक रास्ते पर लौटना आवश्यक है।