क्या ली छ्यांग ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ वार्ता की?

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क्या ली छ्यांग ने सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ वार्ता की?

सारांश

बीजिंग में हुई प्रमुख वार्ता में, चीन और सिंगापुर के प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों और क्षेत्रीय सहयोग पर गहन चर्चा की। इस वार्ता ने दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी है। जानिए इस महत्वपूर्ण बैठक के मुख्य बिंदु क्या रहे।

Key Takeaways

  • द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता।
  • क्षेत्रीय सहयोग में नई पहल।
  • डिजिटल अर्थव्यवस्था में संयुक्त प्रयास।
  • हरित विकास के लिए सहयोग बढ़ाने का संकल्प।
  • तृतीय-पक्ष सहयोग को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाना।

बीजिंग, 26 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। चीन के प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने सिंगापुर के संसद भवन में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग के साथ वार्ता की। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक विकास संबंधी विषयों पर गहन चर्चा की।

वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने कहा कि इस वर्ष जून में पेइचिंग में राष्ट्रपति शी चिनफिंग और प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग की मुलाकात ने चीन-सिंगापुर संबंधों के अगले चरण की दिशा स्पष्ट कर दी है। चीन, दोनों देशों के नेताओं के रणनीतिक मार्गदर्शन का पालन करते हुए, राजनयिक संबंधों की स्थापना की मूल भावना को बनाए रखने, पारंपरिक मित्रता को सुदृढ़ करने, राजनीतिक पारस्परिक विश्वास को गहरा करने तथा व्यावहारिक सहयोग का विस्तार करने के लिए तत्पर है।

उन्होंने कहा कि इस सहयोग के माध्यम से दोनों देशों के आधुनिकीकरण प्रयासों को नई गति मिलेगी और यह क्षेत्रीय शांति, स्थिरता तथा विकास में अधिक योगदान देगा।

ली छ्यांग ने आगे कहा कि हाल ही में संपन्न चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं केंद्रीय समिति के चौथे पूर्णाधिवेशन में '15वीं पंचवर्षीय योजना' के प्रस्ताव की समीक्षा और अनुमोदन किया गया है, जिसने आगामी पांच वर्षों और उससे आगे के लिए चीन के विकास का शीर्ष-स्तरीय डिजाइन और रणनीतिक खाका तैयार किया है।

उन्होंने कहा कि चीन सिंगापुर के साथ विकास समन्वय को और मजबूत करने, चीन-सिंगापुर द्विपक्षीय सहयोग तंत्र की भूमिका को पूरी तरह निभाने, व्यापार और निवेश में सकारात्मक गति बनाए रखने तथा डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, नवीन ऊर्जा और जैव-चिकित्सा जैसे उभरते क्षेत्रों में सहयोग को गहराने का इच्छुक है। इसके साथ ही, दोनों देश तृतीय-पक्ष सहयोग को भी सक्रिय रूप से आगे बढ़ाना चाहते हैं ताकि साझा विकास के नए अवसर उत्पन्न हों।

प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 20वीं केंद्रीय समिति के चौथे पूर्णाधिवेशन के सफल आयोजन पर बधाई देते हुए कहा कि इस वर्ष सिंगापुर और चीन के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 35वीं वर्षगांठ है और इसी दौरान द्विपक्षीय संबंध मजबूत गति से आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच मित्रता गहरी हो रही है, आपसी लाभकारी सहयोग का विस्तार हो रहा है और अनेक क्षेत्रों में ठोस उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

उन्होंने जोर देकर कहा कि सिंगापुर सरकार दृढ़ता से 'एक-चीन सिद्धांत' का पालन करती है और 'थाइवान की स्वतंत्रता' का विरोध करती है।

लॉरेंस वोंग ने कहा कि सिंगापुर चीन के साथ उच्च-स्तरीय संवाद को और सुदृढ़ करने, शासन संबंधी अनुभवों के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करने, हरित अर्थव्यवस्था, डिजिटल अर्थव्यवस्था और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में नए सहयोगी अवसरों का सृजन करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने यह भी कहा कि दोनों देश तृतीय-पक्ष सहयोग को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाते हुए लोगों के बीच संबंधों को समृद्ध बनाएंगे, जिससे चीन-सिंगापुर के बीच व्यापक, उच्च-गुणवत्ता वाली और दूरदर्शी साझेदारी निरंतर सशक्त होगी।

वार्ता के उपरांत, दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित विकास, सूचना और संचार, परिवहन, खाद्य सुरक्षा, आपातकालीन प्रबंधन तथा तृतीय-पक्ष सहयोग जैसे क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण सहयोग दस्तावेजों के आदान-प्रदान का साक्षी बने।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

Point of View

जो न केवल द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता को भी बढ़ावा देगा।
NationPress
26/10/2025

Frequently Asked Questions

ली छ्यांग और लॉरेंस वोंग के बीच वार्ता का मुख्य उद्देश्य क्या था?
इस वार्ता का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा देना था।
इस वार्ता में किन-किन विषयों पर चर्चा की गई?
दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों, क्षेत्रीय सहयोग और वैश्विक विकास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की।
चीन-सिंगापुर संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए क्या योजनाएं बनाई गईं?
दोनों देशों ने विकास समन्वय, व्यापार, निवेश और डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग को बढ़ावा देने की योजनाएं बनाई।