क्या ली छ्यांग ने एससीओ सदस्य देशों के प्रधानमंत्रियों की 24वीं बैठक में भाग लिया?
सारांश
Key Takeaways
- एससीओ की 24वीं बैठक का उद्देश्य वैश्विक शासन में सुधार करना है।
- चीनी राष्ट्रपति ने वैश्विक समस्याओं के समाधान के लिए प्रस्तावित उपाय साझा किए।
- अगले 10 वर्षों के लिए विकास रणनीति पर सहमति बनी।
- चीन और अन्य सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
- एससीओ का उद्देश्य मानवता के साझा भविष्य की दिशा में काम करना है।
बीजिंग, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चीनी प्रधानमंत्री ली छ्यांग ने मॉस्को में शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों के शासनाध्यक्षों (प्रधानमंत्रियों) की 24वीं बैठक में भाग लिया।
ली छ्यांग ने बताया कि इस वर्ष सितंबर में आयोजित एससीओ थ्येनचिन शिखर सम्मेलन में, चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक शासन पहल का प्रस्ताव रखा, जिसने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को वैश्विक परिवर्तनों का सामना करने और दबावपूर्ण समस्याओं के समाधान के लिए चीनी ज्ञान और उपाय प्रदान किए। एससीओ वैश्विक शासन पहल के संयुक्त कार्यान्वयन को एक अवसर के रूप में देखता है और 'विश्व शासन' की प्राप्ति में और अधिक योगदान देने की स्थिति में है। पहले, इसे वैश्विक शासन में अधिक प्रभाव डालने और मानव जाति के साझा भविष्य वाले समुदाय के निर्माण को बढ़ावा देने के लिए अपनी अद्वितीय क्षमताओं का लाभ उठाना चाहिए। दूसरे, इसे विकास और सुरक्षा के दो प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है, एक खुली और समावेशी वैश्विक अर्थव्यवस्था का संयुक्त रूप से निर्माण करना चाहिए और सार्वभौमिक सुरक्षा तथा स्थायी शांति को बढ़ावा देना चाहिए। तीसरे, इसे नवाचार और परिवर्तन के लिए प्रबल ऊर्जा को प्रोत्साहित करना चाहिए।
ली छ्यांग ने कहा कि एससीओ के थ्येनचिन शिखर सम्मेलन में उपस्थित नेताओं ने सामूहिक रूप से 'अगले 10 वर्षों (2026-2035) के लिए एससीओ विकास रणनीति' को मंजूरी दी। चीन सभी सदस्य देशों के साथ रणनीतिक समन्वय पर अधिक ध्यान देने, सहयोग के कार्यान्वयन को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने, संचालन तंत्र को अनुकूलित और बेहतर बनाने के लिए काम करने को तैयार है, जिससे एससीओ को लगातार मजबूत और बेहतर बनाया जा सके।
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)