क्या अफगानिस्तान का प्रतिनिधिमंडल भारत में चाबहार बंदरगाह के उपयोग और निवेश पर चर्चा करेगा?
सारांश
Key Takeaways
- अफगानिस्तान का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भारत आया है।
- चाबहार बंदरगाह का उपयोग द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने के लिए किया जाएगा।
- आर्थिक सहयोग का विस्तार मुख्य उद्देश्य है।
नई दिल्ली/काबुल, 19 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के बाद, काबुल से एक उच्चस्तरीय सरकारी प्रतिनिधिमंडल की आधिकारिक यात्रा शुरू की गई है। अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री अलहाज नूरुद्दीन अजीजी बुधवार दोपहर भारत दौरे पर पहुंचे।
इस अफगानी प्रतिनिधिमंडल का मुख्य उद्देश्य ईरान में भारत द्वारा विकसित चाबहार बंदरगाह की सुविधाओं का अधिकतम उपयोग करना है। इसके साथ ही, अफगानिस्तान इस परियोजना में और निवेश आकर्षित करने की योजना बना रहा है।
प्रतिनिधिमंडल के भारत आगमन से पहले, अफगानिस्तान के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अजीजी की यात्रा के दौरान बंदरगाह के माध्यम से द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने पर चर्चा होगी।
अफगान मंत्रालय ने वाणिज्य मंत्री के इस दौरे को लेकर कहा, "यात्रा के दौरान, अफगान प्रतिनिधिमंडल प्रगति मैदान अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी का दौरा करेगा और भारत सरकार के उच्च पदस्थ अधिकारियों से मुलाकात करेगा। इनमें विदेश और वाणिज्य मंत्री, व्यापारी, निवेशक और दोनों देशों के निजी क्षेत्र के प्रतिष्ठित सदस्य शामिल हैं। इन बैठकों का मुख्य उद्देश्य आर्थिक सहयोग का विस्तार करना, व्यापार संबंधों को सुगम बनाना, संयुक्त निवेश के अवसर पैदा करना और क्षेत्र के पारगमन मार्गों में अफगानिस्तान की भूमिका को मजबूत करना है।"
चाबहार बंदरगाह के उपयोग को लेकर मंत्रालय ने कहा, "यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके परिणाम संचार में सुधार, व्यापार को बढ़ावा देने और पारगमन मार्गों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।"
काबुल चाहता है कि वह ईरान में भारत द्वारा विकसित चाबहार बंदरगाह के माध्यम से वस्तुओं की आवाजाही को सुगम बनाए। पाकिस्तान के साथ बढ़ते सीमा तनाव के कारण दोनों देशों को व्यापार में भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
इससे पहले, अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मुत्ताकी पहली आधिकारिक यात्रा पर भारत आए थे। इस दौरान दोनों देशों के बीच अफगानिस्तान के साथ व्यापार को बढ़ाने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।