क्या मानवाधिकार संगठन ने बलूचिस्तान में युवक की हत्या पर पाकिस्तान की आलोचना की?

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क्या मानवाधिकार संगठन ने बलूचिस्तान में युवक की हत्या पर पाकिस्तान की आलोचना की?

सारांश

मानवाधिकार संगठन बलूच यकजेहती समिति ने बलूचिस्तान में युवक की हत्या की निंदा की है। यह घटना स्थानीय निवासियों के लिए चिंता का विषय बनी हुई है, जबकि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों की गतिविधियाँ बढ़ रही हैं। जानें इस घटना का पूरा विवरण और इसके पीछे के कारण।

Key Takeaways

  • बलूचिस्तान में मानवाधिकारों का उल्लंघन बढ़ रहा है।
  • हत्याएँ और जबरन गायब होना आम बात हो गई है।
  • स्थानीय निवासियों को शिक्षा और संसाधनों की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
  • सरकारी हिंसा की नीतियों को चुनौती देने की आवश्यकता है।
  • शिक्षाविदों और साहित्यकारों पर दबाव बढ़ रहा है।

क्वेटा, 5 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। मानवाधिकार संगठन बलूच यकजेहती समिति (बीवाईसी) ने शुक्रवार को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना द्वारा एक और युवक की हत्या की निंदा की। यह घटना पहले भी प्रांत में हत्याओं, जबरन गिरफ्तारी और यातनाओं से जुड़े मामलों की श्रृंखला में एक और कड़ी है।

बीवाईसी के अनुसार, अब्दुल वहाब का गोलियों से छलनी शव 4 दिसंबर को प्रांत के पंजगुर जिले के पुल अबाद इलाके में बरामद हुआ था।

स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, 33 वर्षीय वहाब एक गरीब परिवार का सदस्य था और अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए ड्राइवर का कार्य करता था।

बीवाईसी ने कहा कि हत्याओं और जबरन गायब किए जाने की घटनाएं पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों और उनके द्वारा प्रायोजित मिलिशिया समूहों की 'मार डालो और फेंक दो' नीति के बढ़ते पैटर्न को दर्शाती हैं।

गुरुवार को, बलूचिस्तान के तुर्बत विश्वविद्यालय में व्याख्याता बालाच खान बाली की 'अवैध गिरफ्तारी' की आलोचना करते हुए बलूच महिला मंच (बीडब्ल्यूएफ) ने इसे बलूच शिक्षा, साहित्य और डिजिटलीकरण को रोकने का प्रयास बताया।

बीडब्ल्यूएफ ने बिना किसी देरी के, बिना शर्त, तत्काल और सुरक्षित रिहाई की मांग की और कहा कि बलूचिस्तान एक युद्धक्षेत्र बन गया है, जहां हर दिन मूल निवासियों को परेशान किया जाता है।

इसके अलावा, इसमें कहा गया कि बलपूर्वक गायब होना, हत्या, उत्पीड़न, और धमकियाँ सुरक्षा बलों द्वारा न केवल मूल निवासियों की आवाज़ों को दबाने के लिए, बल्कि शिक्षाविदों, साहित्यकारों, पत्रकारों, छात्रों, वकीलों और जीवन के हर क्षेत्र के लोगों को दबाने के लिए आम बात हो गई है।

बीडब्ल्यूएफ ने कहा कि बलूचिस्तान अपने क्षेत्रीय महत्व के बावजूद पहले से ही सीमित संसाधनों से जूझ रहा है। हालांकि, यह भी कहा गया कि मूल निवासियों को शिक्षा के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने के बजाय, पाकिस्तान के कुख्यात संस्थान सीमित संसाधनों को खत्म करने और उपलब्ध साधनों से बदलाव लाने का प्रयास करने वालों को दबाने का काम कर रहे हैं।

Point of View

यह स्पष्ट है कि बलूचिस्तान में हो रही हिंसा और मानवाधिकारों का उल्लंघन एक गंभीर मुद्दा है। हमें स्थिति की गंभीरता को समझना होगा और इससे निपटने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। सरकार को इस समस्या को हल करने की दिशा में अधिक ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
NationPress
05/12/2025

Frequently Asked Questions

बलूचिस्तान में हाल ही में क्या हुआ?
बलूचिस्तान में एक युवक, अब्दुल वहाब, की हत्या की गई है, जिसे मानवाधिकार संगठन ने निंदा की है।
मानवाधिकार संगठन बीवाईसी क्या है?
बीवाईसी बलूच यकजेहती समिति है, जो बलूचिस्तान में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए कार्य करती है।
पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति क्या है?
पाकिस्तान में मानवाधिकारों की स्थिति चिंताजनक है, विशेषकर बलूचिस्तान में। हत्याएँ और जबरन गायब होने की घटनाएँ बढ़ रही हैं।
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