क्या मीर यार बलूच ने 'फ्री बलूचिस्तान' मुद्दा उठाने पर सांसद उमेशभाई पटेल का आभार व्यक्त किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारतीय संसद में 'फ्री बलूचिस्तान' का मुद्दा उठाया गया।
- उमेशभाई पटेल ने बलूच जनता के समर्थन की बात की।
- मीर यार बलूच ने उनकी सराहना की।
क्वेटा, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बलूच मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने दमण और दीव से लोकसभा सांसद उमेशभाई पटेल का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने भारतीय संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बहस के दौरान ‘फ्री बलूचिस्तान’ का मुद्दा उठाया।
सोमवार को लोकसभा में बोलते हुए उमेशभाई पटेल ने कहा, “पाकिस्तान को विभिन्न हिस्सों में विभाजित कर स्वतंत्र राज्यों में परिवर्तित किया जाना चाहिए, जैसे कि हमने बांग्लादेश के मामले में किया था। इस प्रक्रिया की शुरुआत बलूच लोगों को समर्थन प्रदान करके की जानी चाहिए, जो पाकिस्तान से स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत हैं। बलूचिस्तान को पाकिस्तान से अलग एक स्वतंत्र देश बनना चाहिए।”
मीर यार बलूच ने बलूच जनता की ओर से उमेशभाई पटेल के “दूरदर्शी और ऐतिहासिक भाषण” की सराहना की और कहा कि यह भाषण “हमारी राष्ट्रवादी आकांक्षाओं के साथ गूंजता है और हम उन्हें बलूच जनता का सच्चा मित्र मानते हैं।”
पटेल ने मीर यार बलूच की पोस्ट को एक्स पर रीपोस्ट करते हुए लिखा, “अब समय की मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर ठोस कदम उठाए।”
मीर यार बलूच ने कहा कि भारतीय संसद में ‘फ्री बलूचिस्तान’ की आवाज गूंजना 140 करोड़ भारतीयों और 60 लाख बलूच नागरिकों की साझा आकांक्षाओं का सशक्त प्रमाण है। उन्होंने इसे “न्याय, स्वतंत्रता और शांति के प्रति सामूहिक प्रतिबद्धता” का प्रतीक बताया।
उन्होंने उम्मीद जताई कि भारतीय संसद के अन्य सदस्य भी उमेशभाई पटेल के उदाहरण का अनुसरण करेंगे और बलूचिस्तान की स्वतंत्रता के लिए समर्थन प्रदान करेंगे।
इससे पहले सोमवार को मीर यार बलूच ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ के भारतीय संदेश को उद्धृत करते हुए बलूचिस्तान का मुद्दा संसद में उठाने की अपील की थी।
अपने पत्र में उन्होंने भारतीय जनता की एकता और पाकिस्तान प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ सरकार की सख्त नीति की प्रशंसा की।