क्या मंगोलिया में खसरे का प्रकोप बढ़ रहा है? बीमारों की संख्या 10 हजार को पार कर गई!

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क्या मंगोलिया में खसरे का प्रकोप बढ़ रहा है? बीमारों की संख्या 10 हजार को पार कर गई!

सारांश

मंगोलिया में खसरे का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे बीमारों की संख्या 10,065 हो गई है। विशेषज्ञों ने अपील की है कि सभी बच्चों को खसरे का टीका लगवाना चाहिए। जानें, इस बीमारी की गंभीरता और इसके लक्षण क्या हैं।

Key Takeaways

  • खसरा
  • टीकाकरण
  • नए मामलों में बच्चों की संख्या अधिक है।
  • स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की आवश्यकता है।
  • गर्भवती महिलाओं को सावधान रहना चाहिए।

उलान बटोर, 27 जून (राष्ट्र प्रेस)। मंगोलिया में खसरे का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। नेशनल सेंटर फॉर कम्युनिकेबल डिजीज (एनसीसीडी) के अनुसार, पिछले 24 घंटों में खसरे के 232 नए मामले सामने आए हैं, जिससे देश में कुल मामले 10,065 हो गए हैं।

इसके अलावा, 260 और मरीज स्वस्थ हुए हैं, जिससे कुल रिकवरी की संख्या 8,405 तक पहुंच गई है।

एनसीसीडी ने इस बात की पुष्टि की है कि नए मामलों में अधिकांश स्कूल जाने वाले बच्चे शामिल हैं, जिन्हें खसरे के टीके की केवल एक खुराक प्राप्त हुई है। इस स्थिति को देखते हुए, एनसीसीडी ने सभी परिजनों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को इस गंभीर बीमारी से बचाने के लिए खसरे के वैक्सीन की दोनों खुराक अवश्य दिलवाएं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, खसरा एक संक्रामक वायरल बीमारी है, जो सांस, खांसी या छींक के माध्यम से आसानी से फैलती है। यह बीमारी गंभीर रूप से जानलेवा भी हो सकती है।

यह मुख्यतः बच्चों को प्रभावित करती है, लेकिन कोई भी व्यक्ति जो वैक्सीन नहीं लेता या जिसकी इम्यून सिस्टम कमजोर है, वह भी इसकी चपेट में आ सकता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और पूरे शरीर पर चकत्ते शामिल हैं।

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, वैक्सीनेशन खसरे से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। यह न केवल सुरक्षित है, बल्कि वायरस से लड़ने में भी मदद करता है।

1963 में खसरे के टीके की शुरुआत से पहले, हर 2 से 3 साल में बड़े पैमाने पर महामारी फैलती थी, जिससे हर साल लगभग 26 लाख लोग मारे जाते थे। साल 2023 में सुरक्षित और किफायती वैक्सीन की उपलब्धता के बावजूद, खसरे से लगभग 1,07,500 लोगों की मृत्यु हुई, जिनमें से अधिकांश पांच साल से कम उम्र के बच्चे थे।

मंगोलिया में खसरे के मामले विशेष रूप से उन क्षेत्रों में अधिक हैं, जहाँ स्वास्थ्य सुविधाएं कमजोर हैं।

एनसीसीडी ने चेतावनी दी है कि जिन बच्चों और गर्भवती महिलाओं ने इस बीमारी से बचाव के लिए कारगर वैक्सीन नहीं लगवाई है, उन्हें इसकी चपेट में आने के सबसे ज्यादा चांस हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि वैक्सीनेशन कैंपेन का प्रसार तेजी से करना होगा।

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

खसरा कैसे फैलता है?
खसरा सांस, खांसी या छींक के जरिए फैलता है।
खसरे के लक्षण क्या हैं?
खसरे के लक्षणों में तेज बुखार, खांसी, नाक बहना और चकत्ते शामिल हैं।
खसरे से कैसे बचा जा सकता है?
खसरे से बचने का सबसे प्रभावी तरीका वैक्सीनेशन है।
क्या खसरा जानलेवा हो सकता है?
जी हाँ, खसरा जानलेवा हो सकता है, विशेषकर कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोगों के लिए।
बच्चों को खसरे का टीका कब लगवाना चाहिए?
बच्चों को खसरे का टीका पहली बार 12 से 15 महीने की उम्र में और दूसरी बार 4 से 6 साल की उम्र में लगवाना चाहिए।