क्या नौसेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा से मजबूत होगी समुद्री साझेदारी?

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क्या नौसेना प्रमुख की अमेरिका यात्रा से मजबूत होगी समुद्री साझेदारी?

सारांश

भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी अमेरिका के दौरे पर हैं। यह यात्रा दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच समुद्री सहयोग को और मजबूत बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। जानें इस यात्रा के प्रमुख बिंदुओं और इसके पीछे के उद्देश्य के बारे में।

Key Takeaways

  • एडमिरल त्रिपाठी की यात्रा से समुद्री साझेदारी मजबूत होगी।
  • भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में सुधार होगा।
  • उच्च स्तरीय वार्ता से नए सहयोग की संभावनाएं खुलेंगी।

नई दिल्ली, 12 नवम्बर (राष्ट्र प्रेस) भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी अमेरिका की एक महत्वपूर्ण आधिकारिक यात्रा पर निकल चुके हैं। यह यात्रा बुधवार 12 नवम्बर से आरंभ हुई है। भारतीय नौसेना के अनुसार, एडमिरल त्रिपाठी के इस दौरे का मुख्य उद्देश्य भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच पहले से स्थापित और मजबूत समुद्री साझेदारी को और भी सुदृढ़ करना है।

यह ध्यान देने योग्य है कि भारतीय नौसेना और संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के बीच के ये प्रगाढ़ संबंध, भारत–अमेरिका रक्षा सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। भारतीय नौसेना के अनुसार, एडमिरल त्रिपाठी 17 नवम्बर तक संयुक्त राज्य अमेरिका के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। इस यात्रा के दौरान, वे अमेरिकी युद्ध विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात करेंगे और विचार-विमर्श करेंगे।

इन मुलाकातों के अलावा, एडमिरल सैमुअल जे. पापारो, कमांडर, यूनाइटेड स्टेट्स इंडो-पैसिफिक कमांड और एडमिरल स्टीफन टी. कोहलर, कमांडर, यूनाइटेड स्टेट्स पैसिफिक फ्लीट से भी संवाद करेंगे। इन बैठकों में अन्य वरिष्ठ नौसैनिक अधिकारियों और महत्वपूर्ण व्यक्तियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। इन संवादों के माध्यम से दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच हो रहे समुद्री सहयोग की समीक्षा की जाएगी। संचालन स्तर पर समन्वय को मजबूत करने और जानकारी के आदान-प्रदान पर भी चर्चा की जाएगी। इसी के साथ समुद्री जागरूकता को और सशक्त बनाने के उपायों पर भी चर्चा की जाएगी।

अमेरिका दौरे के कार्यक्रम में अमेरिकी नौसेना के महत्वपूर्ण नौसैनिक संस्थानों और परिचालन कमांड मुख्यालयों के साथ बैठकें भी शामिल होंगी। इन बैठकों में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझा समुद्री प्राथमिकताओं, बहुपक्षीय ढांचे जैसे कि मिलन और कंबाइंड मेरीटाइम फोर्सेस के तहत सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा होगी। भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से स्थापित समुद्री साझेदारी आपसी विश्वास और साझा मूल्यों पर आधारित है।

यह दौरा भारतीय नौसेना की उस प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है जिसके तहत वे संयुक्त राज्य अमेरिका की नौसेना के साथ सहयोग को और प्रगाढ़ करने और मुक्त, खुला, समावेशी तथा नियम-आधारित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के साझा दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में कार्यरत हैं।

अंत में, पिछले सप्ताह ही भारत और अमेरिका के वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स ने फ्रेमवर्क फॉर इंडिया-यूएस मेजर डिफेंस पार्टनरशिप पर चर्चा की थी। यह चर्चा अमेरिका में इंडो-यूएस मिलिट्री कोऑपरेशन ग्रुप की बैठक में हुई। इस फ्रेमवर्क पर हाल ही में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अमेरिकी रक्षा मंत्री पीटर हेगसेथ से मुलाकात के दौरान 10 वर्षीय ‘फ्रेमवर्क फॉर द यूएस-इंडिया मेजर डिफेंस पार्टनरशिप’ पर हस्ताक्षर किए थे।

Point of View

न केवल सुरक्षा बल्कि आर्थिक सहयोग के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह दौरा दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को और गहरा करेगा।
NationPress
28/12/2025

Frequently Asked Questions

एडमिरल त्रिपाठी की अमेरिका यात्रा का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारतीय और अमेरिकी नौसेनाओं के बीच समुद्री साझेदारी को सुदृढ़ करना है।
एडमिरल त्रिपाठी कब तक अमेरिका में रहेंगे?
एडमिरल त्रिपाठी 17 नवम्बर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे।
इस यात्रा के दौरान किन अधिकारियों से मुलाकात होगी?
इस यात्रा के दौरान, एडमिरल त्रिपाठी अमेरिकी युद्ध विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, एडमिरल सैमुअल जे. पापारो और एडमिरल स्टीफन टी. कोहलर से मुलाकात करेंगे।
क्या इस यात्रा से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग में सुधार होगा?
हाँ, यह यात्रा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत बनाएगी।
अमेरिका में कौन सी बैठकें शामिल हैं?
अमेरिका में, एडमिरल त्रिपाठी विभिन्न प्रमुख नौसैनिक संस्थानों और परिचालन कमांड के साथ बैठक करेंगे।
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