क्या एनसीपी ने बांग्लादेश में 2026 चुनाव से पहले 'राजनीतिक भ्रम' बढ़ाने की चेतावनी दी?

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क्या एनसीपी ने बांग्लादेश में 2026 चुनाव से पहले 'राजनीतिक भ्रम' बढ़ाने की चेतावनी दी?

सारांश

बांग्लादेश में 2026 चुनावों से पहले राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है। एनसीपी ने चुनाव से पहले भ्रम फैलाने और सुधारों को बाधित करने की कोशिशों के प्रति चेतावनी दी है। इस स्थिति ने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को गंभीर सवालों के सामने ला दिया है।

Key Takeaways

  • बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है।
  • एनसीपी ने चुनाव से पहले भ्रम फैलाने की चेतावनी दी है।
  • बीएनपी और जमात पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप है।
  • राजनीतिक स्थिरता के लिए सुधार आवश्यक हैं।
  • सुरक्षा की स्थिति कमजोर है।

ढाका, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। फरवरी 2026 में होने वाले चुनावों के संदर्भ में बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है। इस बीच, नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) ने चेतावनी दी है कि चुनाव से पूर्व भ्रम फैलाने और सुधार प्रक्रिया को बाधित करने के प्रयास हो रहे हैं। स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी ने इसे देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए एक गंभीर चुनौती माना है।

सोमवार शाम को ढाका में आयोजित एक कार्यक्रम में, एनसीपी के संयोजक नाहिद इस्लाम ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "एक पार्टी स्वतंत्रता संग्राम का कार्ड खेल रही है, जबकि दूसरी धर्म का कार्ड (इस्लाम बनाम विरोधी इस्लाम) का उपयोग कर रही है।"

नाहिद ने आरोप लगाया कि बीएनपी और जमात ने पिछले साल जुलाई में हुए प्रदर्शनों से राजनीतिक लाभ उठाया था और आगामी चुनावों में भी उनकी संभावनाएं हैं, लेकिन वे इसके लिए जिम्मेदारी लेने से कतराते हैं। उन्होंने कहा, "जब भी उन प्रदर्शनों में घायल या मृतक परिवार मदद मांगते हैं, तो उन्हें हमारे पास, एनसीपी, भेज दिया जाता है।"

एनसीपी के मुख्य समन्वयक नासिरुद्दीन पटवारी ने कहा कि देश इस समय राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कहा कि राज्य में सुरक्षा की स्थिति कमजोर है। उन्होंने जोर देकर कहा, "हमें स्पष्ट करना होगा कि सुरक्षा को कमजोर कौन कर रहा है, आंतरिक ताकतें या बाहरी।"

पटवारी ने आगामी चुनाव के संदर्भ में कहा कि उनकी पार्टी चाहती है कि चुनाव सुधारों के समर्थन या विरोध पर आधारित हो, लेकिन कुछ समूह इसे इस्लाम समर्थक और विरोधी इस्लाम का संघर्ष दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इन समूहों से अपील की कि वे यह भ्रामक राजनीति छोड़ दें।

दूसरी ओर, जमात नेता शफीकुर रहमान ने आरोप लगाया कि कुछ समूह बिना सत्ता में आए ही लोगों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "वे प्रशासन को प्रभावित कर रहे हैं। देशभर में ठगी, भ्रष्टाचार और अव्यवस्था जारी है। लोगों को यह बताने के लिए मजबूर किया जा रहा है कि पहले की स्थिति खराब थी, अब और खराब हो गई है।"

रहमान ने खुलना जिले में आठ इस्लामवादी पार्टियों के गठबंधन द्वारा आयोजित रैली में कहा कि सड़कों पर प्रदर्शन तब तक जारी रहेंगे जब तक गठबंधन की पांच-बिंदु मांगें पूरी नहीं होतीं। इन मांगों में जुलाई चार्टर लागू करके जनमत संग्रह कराने का प्रस्ताव भी शामिल है।

उन्होंने चेतावनी दी कि यदि आवश्यक हुआ, तो 'एक और 5 अगस्त' जैसी स्थिति बन सकती है।

बांग्लादेश अगले साल के चुनाव से पहले बढ़ती अनिश्चितता और राजनीतिक उथल-पुथल का सामना कर रहा है। ऐसे समय में राजनीतिक दलों के बीच सुधारों को लेकर मतभेद और सत्ता की दौड़ ने देश की राजनीतिक स्थिरता पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

Point of View

NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव का कारण क्या है?
बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव का मुख्य कारण चुनाव से पहले विभिन्न दलों के बीच मतभेद और संघर्ष है।
एनसीपी ने किस बात की चेतावनी दी है?
एनसीपी ने चुनाव से पहले भ्रम फैलाने और सुधार प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिशों की चेतावनी दी है।
बीएनपी और जमात पर एनसीपी का क्या आरोप है?
एनसीपी ने आरोप लगाया है कि बीएनपी और जमात स्वतंत्रता संग्राम और धार्मिक मुद्दों का उपयोग कर राजनीतिक लाभ उठा रहे हैं।
बांग्लादेश में आगामी चुनावों की स्थिति क्या है?
बांग्लादेश में आगामी चुनावों से पहले राजनीतिक स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं।
जमात के नेता शफीकुर रहमान ने क्या कहा?
शफीकुर रहमान ने आरोप लगाया कि कुछ समूह बिना सत्ता में आए ही लोगों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।
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