क्या नेपाल में चुनाव की तैयारी शुरू हो गई है?
सारांश
Key Takeaways
- नेपाल में आम चुनाव 5 मार्च 2026 को होंगे।
- राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन पीआर प्रणाली के तहत शुरू हुआ है।
- संविधान के अनुसार, हर पार्टी से कम से कम 33 फीसदी महिलाएं होनी चाहिए।
- चुनाव आयोग 10 दिसंबर को पीआर दलों की सूची जारी करेगा।
- कुल 117 पार्टियों ने एफपीटीपी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है।
काठमांडू, 7 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। नेपाल में आगामी आम चुनाव की तैयारी अब तेजी से चल रही है। नेपाल में 5 मार्च 2026 को चुनाव होने वाले हैं। संसदीय चुनाव में भाग लेने के लिए प्रपोर्शनल रिप्रजेंटेशन (पीआर) प्रणाली के तहत राजनीतिक दलों का रजिस्ट्रेशन रविवार से आरंभ हो गया है।
नेपाल के प्रतिनिधि सभा के सदस्यों का चुनाव दो विधियों से होता है। प्रतिनिधि सभा के सदस्य फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट (एफपीटीपी) और पीआर प्रणाली दोनों के माध्यम से चुने जाते हैं।
नेपाल के निचले सदन में कुल 275 सदस्य हैं। संविधान के अनुसार, इन 275 में से 165 सदस्य एफपीटीपी प्रणाली से और 110 सदस्य पीआर प्रणाली से चुने जाते हैं।
चुनाव आयोग के सूचना अधिकारी सुमन घिमिरे ने राष्ट्र प्रेस को बताया, "चुनाव आयोग द्वारा पहले जारी किए गए शेड्यूल के अनुसार, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि रविवार सुबह से चुनाव आयोग के कार्यालय में अपनी पार्टियों का पीआर प्रणाली के लिए पंजीकरण कराने पहुंचे। इसके बाद चुनाव आयोग 10 दिसंबर को पीआर प्रणाली के लिए पंजीकरण कराने वाले राजनीतिक दलों की सूची जारी करेगा।"
इसके बाद, 28 और 29 दिसंबर को राजनीतिक दलों को पीआर श्रेणी के तहत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की फाइनल सूची जमा करनी होगी। चुनाव आयोग 3 फरवरी को उम्मीदवारों की फाइनल क्लोज्ड सूची जारी करेगा। चुनाव आयोग के अनुसार, स्वीकृत शेड्यूल के अनुसार, 5 मार्च को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित मतदान केंद्रों पर मतदान होगा।
नेपाल के संविधान के अनुसार, संघीय संसद में हर पार्टी से चुने गए सदस्यों में से कम से कम एक-तिहाई महिलाएं होनी चाहिए। यदि एफपीटीपी प्रणाली के तहत चुने गए उम्मीदवार इस कोटे से कम हो जाते हैं, तो महिलाओं का कम से कम 33 फीसदी प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए पीआर प्रणाली आवश्यक है।
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (प्रपोर्शनल इलेक्टोरल सिस्टम) के तहत उम्मीदवार उतारते समय राजनीतिक दलों को संविधान के अनुसार जनसंख्या के आधार पर महिलाओं, दलितों, मूल निवासियों, खास आर्य, मधेसियों, थारू, मुसलमानों और पिछड़े इलाकों के लोगों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करना होता है।
प्रतिनिधि सभा निर्वाचन अधिनियम के सेक्शन 28 के अनुसार, राजनीतिक दलों को पीआर श्रेणी के लिए चुनाव आयोग को दी जाने वाली क्लोज्ड सूची में कम से कम 50 फीसदी महिलाओं को शामिल करना अनिवार्य है।
सूचना अधिकारी घिमिरे के अनुसार, एफपीटीपी प्रणाली के तहत चुनाव लड़ने के लिए आयोग में 117 पार्टियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इनमें से कई नई पार्टियां हैं जो जेन-जी का प्रतिनिधित्व करती हैं। जेन-जी के विरोध प्रदर्शनों के बाद ही नेपाल में केपी शर्मा ओली की सरकार गिर गई थी। इस दौरान भारी हिंसा भी देखने को मिली थी और सुशीला कार्की के नेतृत्व में मौजूदा अंतरिम सरकार आई है।