नेतन्याहू को राष्ट्रपति हर्जोग से माफी क्यों मांगनी पड़ी?
सारांश
Key Takeaways
- नेतन्याहू ने राष्ट्रपति से माफी मांगी।
- भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों का सामना कर रहे हैं।
- माफी की प्रक्रिया में कई स्तरों की समीक्षा होगी।
- दोष सिद्ध होने पर इस्तीफा देना हो सकता है।
- इजरायल का कानून माफी की प्रक्रिया को जोड़ता है।
नई दिल्ली, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्रपति आइजैक हर्जोग से प्रेसिडेंशियल माफी के लिए औपचारिक अपील की है। इस पर चर्चा शुरू हो गई है कि क्या नेतन्याहू की कुर्सी जाने वाली है। आइए जानते हैं पूरा मामला और इजरायल का कानून क्या कहता है।
इजरायली मीडिया के अनुसार, पीएम नेतन्याहू की इस अपील की कई स्तरों पर विस्तृत समीक्षा होगी। मिनिस्ट्री ऑफ जस्टिस, लॉ-एनफोर्समेंट विभाग और प्रेसिडेंट हाउस द्वारा नेतन्याहू की अपील की जांच की जाएगी। नेतन्याहू ने 111 पन्नों में माफी का प्रस्ताव पेश किया है।
नेतन्याहू का प्रस्ताव फाइल होने के बाद, यह न्याय मंत्रालय के पेंशन विभाग में ट्रांसफर किया जाएगा। इसके बाद, जेल विभाग सेवा, इजरायली पुलिस, स्टेट अटॉर्नी ऑफिस, वेलफेयर और मेडिकल अथॉरिटीज, और एनफोर्समेंट एंड कलेक्शन अथॉरिटी से इनपुट इकट्ठा किया जाएगा।
इसके बाद, अमेरिकी क्षमा विभाग न्याय मंत्री को अपनी राय देगा। न्याय मंत्री अपनी सिफारिश पेश करेंगे। अगर कोई विवाद होता है, तो सरकार को मामले को संभालने के लिए किसी अन्य मंत्रालय को नियुक्त करना होगा।
न्याय मंत्री की सिफारिश को प्रेसिडेंट हाउस में कानूनी विभाग को भेजा जाएगा, जहां फाइल की समीक्षा की जाएगी। आवश्यक बदलाव किए जाने के बाद, इसे राष्ट्रपति के कानूनी सलाहकार को भेजा जाएगा।
कानूनी सलाहकार फाइल की समीक्षा करने के बाद, निष्पक्ष राय तैयार करेगा और आवश्यक जानकारी के लिए क्षमा विभाग या अन्य संबंधित संस्थाओं से पूछताछ कर सकता है। सारी प्रक्रिया पूरी होने पर फाइल राष्ट्रपति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी।
अगर राष्ट्रपति माफी को मंजूरी देते हैं, तो वह एक क्लेमेंसी डॉक्यूमेंट पर हस्ताक्षर करेंगे। क्लेमेंसी डॉक्यूमेंट किसी दोषी व्यक्ति को दी जाने वाली माफी या सजा में कमी के लिए उपयोग किया जाता है। इस पर न्याय मंत्रालय के किसी मंत्री का काउंटर साइन होता है। वहीं, अगर राष्ट्रपति माफीनामा को अस्वीकार करते हैं, तो एक नोटिस के जरिए आवेदक को सूचित किया जाएगा।
गौर करने वाली बात है कि नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के तीन गंभीर आरोप लगे हैं। इजरायल में माफी तभी दी जाती है जब व्यक्ति दोषी सिद्ध हो जाता है। हालाँकि, नेतन्याहू पर अभी दोष सिद्ध नहीं हुए हैं, लेकिन उन्होंने पहले ही राष्ट्रपति से माफी मांग ली है। कोर्ट ने पहले कहा था कि माफी मांगने से पहले गुनाह कबूल करना होगा, लेकिन इजरायली पीएम ने ऐसा नहीं किया है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राष्ट्रपति जनहित या विशेष परिस्थितियों में दोष सिद्ध होने से पहले भी किसी व्यक्ति को माफी दे सकते हैं। यही कारण है कि नेतन्याहू ने दोष सिद्ध होने से पहले माफी मांगी है।
अगर इजरायली पीएम दोषी सिद्ध होते हैं, तो उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। 2020 में नेतन्याहू के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिसमें अमीर सहयोगियों से उपहार लेकर राजनीतिक लाभ पहुंचाने का आरोप शामिल है।