क्या उत्तर कोरिया ने अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किया?
सारांश
Key Takeaways
- उत्तर कोरिया का यह नवीनतम मिसाइल परीक्षण अमेरिका के प्रतिबंधों के बाद हुआ।
- मिसाइल ने लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय की।
- यह दक्षिण कोरिया के नए राष्ट्रपति के कार्यकाल में दूसरा परीक्षण है।
- अमेरिका और जापान के साथ जानकारी साझा की गई।
- उत्तर कोरिया ने प्रतिबंधों के खिलाफ कड़ी निंदा की है।
सोल, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर कोरिया ने एक बार फिर बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है। शुक्रवार को, उत्तर कोरिया ने पूर्वी सागर की दिशा में कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल लॉन्च की है।
सूचना के अनुसार, यह घटनाक्रम उस समय हुआ जब उत्तर कोरिया ने अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ चेतावनी दी थी। अमेरिका ने दो नॉर्थ कोरियाई कंपनियों और आठ व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की। उनका आरोप है कि इन व्यक्तियों और कंपनियों ने अवैध साइबर गतिविधियों के माध्यम से वित्तीय धोखाधड़ी की है।
अमेरिका के ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ (जेसीएस) ने कहा कि यह मिसाइल उत्तरी फ्योंगान के ताएगवान काउंटी से दोपहर 12:35 बजे लॉन्च की गई थी। हालांकि, जेसीएस ने इस विषय में अधिक जानकारी साझा नहीं की।
जेसीएस के अनुसार, मिसाइल ने समुद्र में गिरने से पूर्व लगभग 700 किलोमीटर की दूरी तय की। जबकि मिसाइल की विशेषताओं पर अभी जानकारी जुटाई जा रही है।
जेसीएस ने बताया कि दक्षिण कोरियाई और अमेरिकी खुफिया अधिकारियों को उत्तर कोरिया की मिसाइल लॉन्चिंग की तैयारियों के बारे में पहले से सूचना मिल गई थी। अतः अधिकारियों ने उत्तर कोरिया पर पहले से ही कड़ी निगरानी रखी थी। इस लॉन्चिंग से जुड़ी जानकारी अमेरिका और जापान के साथ साझा की गई है।
यह ध्यान देने योग्य है कि उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को इस वर्ष का छठा बैलिस्टिक मिसाइल प्रक्षेपण किया है। दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति ली जे म्युंग ने इसी वर्ष जून में पदभार ग्रहण किया था, और इस घटनाक्रम के बाद यह उनके राष्ट्रपति बनने के बाद का दूसरा मिसाइल प्रक्षेपण है।
दूसरी ओर, उत्तर कोरिया ने अमेरिका के प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है, यह कहते हुए कि ये प्रतिबंध प्योंगयांग के प्रति वाशिंगटन की नफरत भरी नीति की पुष्टि करते हैं। उत्तर कोरिया ने धैर्य से उचित कदम उठाने की चेतावनी भी दी है।
उत्तर कोरिया और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों को शुरू करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति लगातार अपनी इच्छा जताते रहे हैं। पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के दौरे के दौरान किम जोंग उन से मिलने की इच्छा भी व्यक्त की थी, हालांकि वह मुलाकात नहीं हो सकी थी। इस संदर्भ में अमेरिका की कार्रवाई ने तनाव को और बढ़ावा दिया है।