क्या पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीजफायर समझौते के विस्तार पर वार्ता दोहा में होगी?

सारांश
Key Takeaways
- सीजफायर का ऐलान दोनों पक्षों की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- दोनों देशों के बीच वार्ता से शांति की संभावनाएं बढ़ सकती हैं।
- पाकिस्तानी और अफगान प्रतिनिधिमंडल के नेतृत्व में वार्ता होनी है।
- सीमा पर तनाव को कम करने के लिए यह कदम आवश्यक है।
- आपसी सहयोग से ही स्थायी शांति स्थापित की जा सकती है।
नई दिल्ली, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच की स्थिति काफी तनावपूर्ण है। दोनों देशों ने भारी गोलीबारी और बमबारी के बाद सीजफायर पर सहमति व्यक्त की है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, अफगान मीडिया के सरकारी स्रोतों के हवाले से बताया गया है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान कतर की राजधानी दोहा में वार्ता कर सकते हैं।
सूत्रों के अनुसार, अफगानिस्तान का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तानी पक्ष के साथ वार्ता के लिए दोहा जा सकता है। इस मुलाकात में मौजूदा युद्धविराम समझौते के संभावित विस्तार पर चर्चा होने की संभावना है।
इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रक्षा मंत्री मौलवी मोहम्मद याकूब मुजाहिद करेंगे, जबकि पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल में कई वरिष्ठ सुरक्षा और खुफिया अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
हालांकि, अभी तक दोनों देशों की सरकारों ने इस वार्ता की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने बुधवार को अलग-अलग बयान जारी कर सीमा पार कई दिनों तक चली गोलीबारी के बाद युद्धविराम की घोषणा की थी।
इस सीजफायर के ऐलान से पहले पाक-अफगान सीमा पर भारी तनाव देखा गया। काबुल में एयरस्ट्राइक के प्रतिशोध में अफगानिस्तान ने पाकिस्तान के पुलिस ट्रेनिंग सेंटर पर हमला किया, जिसमें कई सुरक्षाकर्मी मारे गए। इसके बाद पाकिस्तान ने फिर से अफगानिस्तान पर हमला किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान के रिहायशी इलाकों पर हमला किया, जिसमें कई नागरिक मारे गए। इससे पहले यह जानकारी सामने आई थी कि पाकिस्तान में अधिकारियों ने क्वेटा में प्रवासियों को अपने घर और दुकानों को खाली करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। इस पर अवैध रूप से रहने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई है।