क्या झारखंड घाटशिला उपचुनाव में झामुमो और भाजपा के प्रत्याशी नामांकन करेंगे?

सारांश
Key Takeaways
- घाटशिला उपचुनाव में मुख्य मुकाबला झामुमो और भाजपा के बीच होगा।
- सोमेश सोरेन और बाबूलाल सोरेन प्रमुख प्रत्याशी हैं।
- मतदान 11 नवंबर को होगा, नामांकन की अंतिम तारीख 21 अक्टूबर है।
- इस सीट पर 2,55,823 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
- सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।
रांची, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने सोमेश सोरेन को झारखंड की घाटशिला विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है। सोमेश सोरेन शुक्रवार को नामांकन करेंगे। वहीं, भाजपा के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन भी शुक्रवार को नामांकन कर सकते हैं।
सोमेश सोरेन के नामांकन में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन समेत कई मंत्री और विधायक मौजूद होंगे, जहां मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन घाटशिला की जनता को संबोधित भी करेंगे।
भाजपा के प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन के नामांकन में भाजपा के कई दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, और कई अन्य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे। नामांकन को लेकर जिला प्रशासन ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं।
वर्ष 2024 के चुनाव में यहां जीत दर्ज करने वाले रामदास सोरेन के निधन के चलते यह सीट रिक्त हुई। घाटशिला उपचुनाव में मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच होने की उम्मीद है।
2024 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा ने बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा था, लेकिन वे चुनाव हार गए थे। उस चुनाव में विजयी रामदास सोरेन को 98,356 वोट मिले थे, जबकि बाबूलाल सोरेन ने 75,910 वोट प्राप्त किए थे।
उपचुनाव की अधिसूचना 13 अक्टूबर को जारी कर दी गई थी। कैंडिडेट के नॉमिनेशन की अंतिम तारीख 21 अक्टूबर है। 24 अक्टूबर तक नाम वापस लिया जा सकेगा। यहां 11 नवंबर को मतदान और 14 नवंबर को मतगणना होगी।
घाटशिला विधानसभा सीट पूर्वी सिंहभूम जिले में आती है और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित है। नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, इस उपचुनाव में कुल 2,55,823 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। इनमें 1,24,899 पुरुष और 1,30,921 महिला मतदाता शामिल हैं।
इस विधानसभा सीट पर महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। विधानसभा क्षेत्र में 218 लोकेशन पर कुल 300 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें से 12 नए मतदान केंद्र जोड़े गए हैं, जबकि 3 पुराने मतदान केंद्रों का अन्य केंद्रों के साथ विलय किया गया है। झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के कार्यालय के अनुसार, चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, पारदर्शी और सुचारू बनाने के लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं।