क्या तीसरे राउंड की शांति वार्ता विफल हो गई है? पाकिस्तान और अफगानिस्तान में गोलीबारी से 5 की मौत, 6 घायल
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच वार्ता में तनाव बढ़ रहा है।
- सीमा पर हालिया गोलीबारी में 5 लोग मारे गए हैं।
- दोनों पक्षों के बीच सीजफायर की कोशिशें जारी हैं।
- मध्यस्थता के प्रयासों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं हो रहा है।
- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने युद्ध की धमकी दी है।
इस्लामाबाद, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच चल रही तीसरे राउंड की वार्ता अब विफल होती दिखाई दे रही है। शांति वार्ता से इतर, अफगानिस्तान ने यह दावा किया है कि पाकिस्तान ने उन पर हमला किया है। दूसरी ओर, पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमा पर दोनों देशों के बीच गोलीबारी हुई है।
यह वार्ता दो दिवसीय है, जिसमें एक तरफ सीजफायर पर बातचीत चल रही है, वहीं दूसरी तरफ अफगानिस्तान ने पाकिस्तान पर हमला करने का आरोप लगाया है। पाक मीडिया के अनुसार, सीमा पर हुई गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई है और छह लोग घायल हुए हैं।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ लगातार अफगानिस्तान को युद्ध की धमकी दे रहे हैं। पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान अपनी धरती का इस्तेमाल तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) को करने दे रहा है। तालिबान ने इन आरोपों से इनकार किया है और इस्लामाबाद पर अफगान क्षेत्र के अंदर हवाई हमले करने का आरोप लगाया है।
पिछले महीने, अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ़ गया था। पाकिस्तान ने काबुल पर हमला किया, जिसमें कई लोग, जिनमें अफगानिस्तान का एक क्रिकेटर भी शामिल था, मारे गए। वहीं, अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की कई सैनिक चौकियों को भी निशाना बनाया।
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए, कतर और तुर्किए ने मध्यस्थता की। दोहा में पहली बैठक हुई, जिसमें दोनों पक्षों ने सीजफायर समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसके बावजूद, सीमा पर तनाव जारी है।
अभी, वार्ता में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल असीम मलिक कर रहे हैं। इस प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ सैन्य, खुफिया और विदेश कार्यालय के अधिकारी शामिल हैं।
अफगान तालिबान पक्ष का नेतृत्व जनरल डायरेक्टोरेट ऑफ इंटेलिजेंस (जीडीआई) के प्रमुख अब्दुल हक वासेक कर रहे हैं, जिसमें सुहैल शाहीन, अनस हक्कानी और उप आंतरिक मंत्री रहमतुल्लाह नजीब समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।