क्या पाकिस्तान में बाढ़ का संकट गंभीर हो रहा है? 17 जुलाई तक अलर्ट

सारांश
Key Takeaways
- 17 जुलाई तक बाढ़ का खतरा
- नदियों का जल स्तर बढ़ने की संभावना
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सावधानी बरतें
- एनडीएमए और पीडीएमए द्वारा जारी चेतावनियाँ
- सरकारी राहत कार्य जारी है
इस्लामाबाद, 12 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान में मानसून की बारिश के दौरान अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि कई क्षेत्रों में तेज बारिश के कारण नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो सकती है। कुछ कमजोर क्षेत्रों में बाढ़ आने का खतरा भी व्यक्त किया गया है।
पाकिस्तान के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और पंजाब के प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने लोगों से सतर्क रहने और पानी से भरे क्षेत्रों में जाने से बचने की अपील की है। विशेषकर 17 जुलाई तक अलर्ट रहने की सलाह दी गई है।
अरब सागर से आ रही नमी के कारण पंजाब में मानसून सक्रिय है। लाहौर में रुक-रुक कर बारिश हो रही है, जिसके कारण नमी (ह्यूमिडिटी) में वृद्धि हो गई है।
एनडीएमए के अनुसार, 26 जून से अब तक देशभर में मूसलाधार बारिश और अचानक आई बाढ़ के कारण कम से कम 98 लोगों की जान गई है और 185 अन्य घायल हुए हैं।
पंजाब प्रांत में सबसे अधिक 37 मौतें हुईं, जिनमें 20 बच्चे शामिल हैं, इसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 30 लोगों की जान गई।
पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (पीएमडी) के अनुसार, लाहौर में तापमान न्यूनतम 27 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 33 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की उम्मीद है। शहर में हल्की बारिश का भी अनुमान है, जिसके कारण पीडीएमए ने 17 जुलाई तक वर्षा और तेज हवा की चेतावनी जारी की है।
एनडीएमए के राष्ट्रीय आपातकालीन संचालन केंद्र ने 13 से 17 जुलाई तक के लिए अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि इस दौरान मानसून के कारण कई क्षेत्रों में जोरदार बारिश हो सकती है और बारिश की तीव्रता बढ़ सकती है।
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार 'द एक्सप्रेस ट्रिब्यून' की रिपोर्ट के अनुसार, सिंधु, काबुल, झेलम और चिनाब सहित सभी प्रमुख नदियों में पानी का बहाव बढ़ने की संभावना है।
बलूचिस्तान के झल मागसी, कच्छी, सिबी, किल्ला सैफुल्लाह, झोब और मुसाखेल जिलों में अचानक बाढ़ आने की संभावना है। वहीं, दक्षिणी बलूचिस्तान के खुजदार, अवारन, लासबेला और कालात जिलों में भी स्थानीय बाढ़ का खतरा बना हुआ है।
नदियों और नालों के पास रहने वाले लोगों को सावधान रहने की सलाह दी गई है, खासकर भारी बारिश और रात में बाढ़ आने पर। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों से अनुरोध किया गया है कि वे सुरक्षित रास्ते पहले से देख लें और अपने कीमती सामान, गाड़ियां और पशुओं को ऊंची जगह पर रख दें।