क्या पाकिस्तान इंटरनेट फ्रीडम के मामले में 27वें पायदान पर गिर गया?
सारांश
Key Takeaways
- पाकिस्तान में इंटरनेट स्वतंत्रता में गिरावट आई है।
- सरकार ने सोशल मीडिया पर नियंत्रण बढ़ाया है।
- भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में इंटरनेट फ्रीडम बेहतर है।
इस्लामाबाद, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पिछले डेढ़ दशक में दुनिया के कई देशों में इंटरनेट फ्रीडम में उल्लेखनीय कमी आई है। इनमें पाकिस्तान, मिस्र, रूस, तुर्किए और वेनेजुएला शामिल हैं। इन देशों की सरकारों ने शासन की चुनौतियों का सामना करते हुए सोशल मीडिया पर नियंत्रण बढ़ा दिया है। पाकिस्तान में 2011 से 2015 के बीच इंटरनेट स्वतंत्रता में तेजी से गिरावट देखी गई। यहाँ इंटरनेट फ्रीडम की कमी है।
पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन ने ग्लोबल डेमोक्रेसी की निगरानी संस्था की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान इंटरनेट फ्रीडम के मामले में 100 में से 27वें स्थान पर है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि सरकार द्वारा इंटरनेट फ्रीडम के लिए लगाई जाने वाली सेंसरशिप का जिक्र है। अमेरिकी फ्रीडम हाउस ने 1 जून 2024 से 31 मई 2025 तक की रिपोर्ट प्रस्तुत की है, जिसमें अधिकारियों ने वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) को भी ब्लॉक करने की धमकी दी है।
इससे पहले देश के साइबर अपराध कानून में संशोधन किया गया है। अधिकारियों का कहना है कि वीपीएन का दुरुपयोग संभव है।
वहीं, भारत, श्रीलंका और बांग्लादेश में इंटरनेट के मामले में काफी स्वतंत्रता है। इन देशों को आंशिक रूप से स्वतंत्र श्रेणी में रखा गया है। भारत का रैंक 51, श्रीलंका का 53 और बांग्लादेश का 45 है।
इस सूची में सबसे निचले पायदान पर चीन, म्यांमार, ईरान और रूस हैं। चीन और म्यांमार 9वें, ईरान 13वें और रूस 17वें स्थान पर है।
पाकिस्तान में 2012 के बाद इंटरनेट फ्रीडम का दर्जा 'आंशिक रूप से स्वतंत्र' से 'स्वतंत्र नहीं' तक बढ़ गया। रिपोर्ट में कहा गया है, "पाकिस्तानियों ने कवरेज अवधि के दौरान खराब इंटरनेट गुणवत्ता और व्हाट्सएप, सिग्नल और अन्य प्लेटफार्मों तक पहुंच में रुकावट की सूचना दी।"
अध्ययनकर्ताओं ने पाया कि कनेक्टिविटी में रुकावट संभवतः नई वेबसाइट निगरानी और ब्लॉकिंग तकनीक के इस्तेमाल से संबंधित थी।