क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ ने 314 लोगों की जान ले ली?

सारांश
Key Takeaways
- 314 लोगों की मृत्यु हुई है।
- 156 लोग घायल हैं।
- सैकड़ों परिवार विस्थापित हुए हैं।
- बुनेर, स्वात, शांगला और मनसेहरा में भारी नुकसान हुआ।
- बचाव कार्य में 2,000 से अधिक लोग लगे हैं।
इस्लामाबाद, 17 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में भयंकर बाढ़ के कारण शनिवार को आपातकाल की घोषणा की गई। इस तबाही में अब तक 314 लोगों की जान चली गई है, जबकि 156 लोग घायल हुए हैं। सैकड़ों परिवारों को विस्थापित होना पड़ा है। बुनेर, स्वात, शांगला और मनसेहरा जैसे क्षेत्रों में भारी नुकसान हुआ है। वहाँ दर्जनों शवों के मलबे में फंसे होने की आशंका जताई गई है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, अकेले बुनेर जिले में 209 मौतें और 120 लोग घायल हुए हैं, वहीं शांगला में 36 और 21 लोग घायल हुए हैं। मानसेहरा में 24 लोग मारे गए हैं और 5 घायल हुए हैं। बाजौर में भी 21 मौतें और 5 घायल होने की सूचना है।
पीडीएमए के अनुसार, स्वात में 16 लोग मारे गए हैं और दो घायल हुए हैं। लोअर दीर में वज्रपात और छत गिरने से 5 लोगों की जान चली गई है। बट्टाग्राम में भी इसी प्रकार के वज्रपात से 3 लोग मारे गए हैं। कुल मिलाकर 159 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 62 पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हैं। खैबर पख्तूनख्वा में 57 स्कूल भी आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
बुनेर के उपायुक्त कार्यालय के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में मशीनरी तैनात कर दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, गोकंद और पीर बाबा क्षेत्रों में जिला अधिकारियों और बचाव दलों को भेजा गया है। स्वात में, स्थानीय अधिकारियों ने दो महिलाओं और कई स्कूली छात्रों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया है।
खैबर पख्तूनख्वा रेस्क्यू 1122 के प्रवक्ता बिलाल अहमद फैजी ने एएफपी को बताया कि मलबे में फंसे लोगों को निकालने के प्रयास जारी हैं, लेकिन मलबे में दबे लोगों के जीवित बचने की संभावना बेहद कम है।
उन्होंने आगे बताया कि लगभग 2,000 बचावकर्मी मलबे से शव निकालने और नौ जिलों में राहत अभियान में जुटे हुए हैं, जहां बारिश रेस्क्यू में बाधा डाल रही है।
बुनेर रेस्क्यू 1122 के अनुसार, 850 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है। बुनेर के गद्दीजी, बिशोनी, मलिकपुर और अन्य प्रभावित क्षेत्रों से 181 शव बरामद किए गए हैं।
बुनेर की राजधानी डग्गर, गोकंद, कोट आदि जिलों में 30 लोगों की मृत्यु हो गई है, और महिलाओं एवं बच्चों सहित 202 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया गया है।
पंजाब पीडीएमए ने मुर्री में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। इसके लिए पंजाब राजस्व बोर्ड ने संबंधित अधिकारियों को पत्र भेजा है।
सरकारी प्राधिकरण ने वर्तमान मानसून के कम होने तक संवेदनशील स्थलों पर पर्यटकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने की सिफारिश की है।