क्या पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच द्विपक्षीय बैठक में सहयोग पर चर्चा हुई?

सारांश
Key Takeaways
- द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की गई।
- सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता पर जोर दिया गया।
- आर्थिक सहयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई गई।
तियानजिन, 31 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक द्विपक्षीय बैठक की। इस मुलाकात में, दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष कजान में हुई अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में हुई प्रगति का अवलोकन किया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात की तस्वीर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा किया और इस बैठक में उठाए गए मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने लिखा, "प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के तियानजिन में आयोजित एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने पिछले साल कजान में हुई अपनी बैठक के बाद से द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा की। भारत और चीन के बीच स्थिर और मैत्रीपूर्ण संबंध हमारे आर्थिक विकास, बेहतर बहुपक्षीय व्यवस्था और एक बहुध्रुवीय विश्व और एशिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।"
विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों नेताओं ने अक्टूबर 2024 में कजान में हुई अपनी पिछली बैठक के बाद से भारत-चीन संबंधों में सकारात्मक प्रगति और स्थिरता का स्वागत किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश विकास साझेदार हैं, प्रतिद्वंद्वी नहीं और मतभेदों को विवाद में नहीं बदलना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को द्विपक्षीय संबंधों के विकास के लिए महत्वपूर्ण बताया। दोनों नेताओं ने पिछले वर्ष सैनिकों की वापसी और तब से सीमा पर शांति बनाए रखने के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को आपसी समझ, पारस्परिक सहयोग और दोनों देशों के नागरिकों के हितों को ध्यान में रखकर सुलझाने पर जोर दिया।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों नेताओं ने कैलाश मानसरोवर यात्रा और पर्यटक वीजा की बहाली के आधार पर सीधी उड़ानों और वीजा सुविधा के माध्यम से लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता पर ध्यान दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और चीन दोनों स्ट्रेटेजिक स्वायत्तता का पालन करते हैं और उनके संबंधों को किसी तीसरे देश के दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, पीएम ने एससीओ की अध्यक्षता और तियानजिन शिखर सम्मेलन के लिए चीन को समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने राष्ट्रपति शी को भारत में (2026) आयोजित होने वाले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के लिए आमंत्रित किया।