क्या घाना के राष्ट्रपति महामा ने पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया?

सारांश
Key Takeaways
- घाना में पीएम मोदी का स्वागत भव्य था।
- यह दौरा 30 वर्षों के बाद हुआ।
- भारत-घाना के रिश्ते मजबूत होंगे।
- पीएम मोदी की यात्रा में कई देश शामिल हैं।
- ग्लोबल साउथ के साथ भारत की साझेदारी पर जोर दिया गया।
अकरा, २ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पांच देशों की बहुप्रतीक्षित विदेश यात्रा के पहले चरण में अफ्रीकी राष्ट्र घाना का दौरा किया। यह ३० वर्षों के लंबे समय बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा है। राजधानी अकरा के हवाई अड्डे पर घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर के साथ २१ तोपों की सलामी दी गई।
प्रधानमंत्री की यह यात्रा ग्लोबल साउथ और अटलांटिक के दोनों किनारों के देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। इस दौरे के दौरान पीएम मोदी घाना के अलावा त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया का भी दौरा करेंगे।
पीएम मोदी ने दौरे से पहले एक बयान में कहा कि वह २-३ जुलाई को राष्ट्रपति महामा के निमंत्रण पर घाना आए हैं। उन्होंने घाना को ग्लोबल साउथ का एक महत्वपूर्ण सहयोगी बताया, जो अफ्रीकी संघ और पश्चिम अफ्रीकी देशों के आर्थिक समुदाय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि इस यात्रा से निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास सहयोग के क्षेत्रों में भारत-घाना के रिश्ते और मजबूत होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि घाना की संसद को संबोधित करना उनके लिए सम्मान की बात होगी।
इसके बाद, ३-४ जुलाई को पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा करेंगे। उन्होंने इस द्वीपीय देश को भारत के साथ गहरे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और जनसंपर्क आधारित रिश्तों का वाहक बताया। प्रधानमंत्री ने कहा कि वह राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला परसाद बिसेसर से मुलाकात करेंगे।
पीएम मोदी ने कहा, "१८० साल पहले भारतीय पहली बार त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचे थे। यह दौरा हमारे सांस्कृतिक और पारिवारिक बंधनों को पुनर्जीवित करने का अवसर है।"
त्रिनिदाद के बाद, पीएम मोदी अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स जाएंगे, जो पिछले ५७ वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला आधिकारिक दौरा होगा। उन्होंने अर्जेंटीना को लैटिन अमेरिका में भारत का एक प्रमुख आर्थिक साझेदार और जी२० में एक करीबी सहयोगी बताया।
पीएम मोदी ने कहा कि वे राष्ट्रपति जेवियर माइली से फिर से मिलने के इच्छुक हैं और कृषि, खनिज, ऊर्जा, पर्यटन, व्यापार, और निवेश जैसे क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देंगे।
६-७ जुलाई को प्रधानमंत्री रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। उन्होंने कहा, "भारत एक संस्थापक सदस्य के रूप में ब्रिक्स को उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रमुख मंच मानता है। हम मिलकर बहुध्रुवीय, लोकतांत्रिक और न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था के लिए काम कर रहे हैं।"
ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान, पीएम मोदी कई वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकों में हिस्सा लेंगे।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बाद, प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया का दौरा करेंगे, जो लगभग ६० वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला राजकीय दौरा होगा। उन्होंने इसे ब्राजील के साथ संबंधों को गहराने और राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा के साथ ग्लोबल साउथ के मुद्दों पर विचार साझा करने का अवसर बताया।
यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा नामीबिया, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने “एक भरोसेमंद और रणनीतिक साझेदार” कहा है।