क्या पीएम मोदी भूटान दौरे पर चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती पर शामिल होंगे?

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क्या पीएम मोदी भूटान दौरे पर चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती पर शामिल होंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भूटान दौरा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वह चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती पर शामिल होंगे। इस दौरान पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन भी होगा, जो भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी का एक नया मील का पत्थर है।

Key Takeaways

  • पीएम मोदी का भूटान दौरा 11-12 नवंबर को है।
  • चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती पर शामिल होंगे।
  • पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे।
  • भगवान बुद्ध के पवित्र अवशेषों की प्रदर्शनी होगी।
  • भारत-भूटान मैत्री को और मजबूती मिलेगी।

नई दिल्ली, 11 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार सुबह भूटान के लिए रवाना हो गए। यह दो दिवसीय आधिकारिक दौरा 11-12 नवंबर तक चलेगा, जो भारत-भूटान मैत्री के इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ेगा।

प्रस्थान से पहले पीएम मोदी ने कहा, "मैं 11-12 नवंबर तक भूटान साम्राज्य का दौरा करूंगा। महामहिम चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती के अवसर पर भूटान के लोगों के साथ शामिल होना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।"

इस यात्रा का समय विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि भूटान इस वर्ष अपने चतुर्थ नरेश जिग्मे सिंग्ये वांगचुक की 70वीं जयंती मना रहा है, जिन्हें 'ग्रॉस नेशनल हैप्पीनेस' (जीएनएच) सूचकांक का जनक माना जाता है।

यात्रा के दौरान वैश्विक शांति प्रार्थना महोत्सव का आयोजन हो रहा है, जिसमें भारत से भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी। पीएम मोदी ने इसे दोनों देशों के 'सभ्यतागत और गहरे आध्यात्मिक संबंधों' का प्रतीक बताया।

पिपरहवा (उत्तर प्रदेश) से प्राप्त ये अवशेष बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र हैं और इनकी भूटान में प्रदर्शनी दोनों राष्ट्रों की सांस्कृतिक निकटता को रेखांकित करेगी।

इसके अलावा, पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन यात्रा का एक प्रमुख पड़ाव होगा। यह 1020 मेगावाट की परियोजना भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी का नया मील का पत्थर साबित होगी। भारत ने इस परियोजना के लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की है, जो भूटान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ भारत को स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराएगी।

पीएम मोदी ने कहा, "मैं महामहिम भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, महामहिम चतुर्थ नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मिलने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि मेरी यात्रा हमारी मित्रता के बंधन को और गहरा करेगी और साझा प्रगति एवं समृद्धि की दिशा में हमारे प्रयासों को सशक्त बनाएगी।"

भारत और भूटान के बीच मैत्रीपूर्ण संबंध का आधार दोनों देशों के बीच गहरा आपसी विश्वास, समझ और सद्भावना है।

पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए लिखा, "भूटान के लिए प्रस्थान, जहां मैं विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लूंगा। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब भूटान चतुर्थ नरेश का 70वां जन्मदिन मना रहा है। मैं भूटान नरेश, महामहिम चतुर्थ नरेश और प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे के साथ वार्ता करूंगा। हमारी ऊर्जा साझेदारी को बढ़ावा देते हुए, पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन किया जाएगा। यह यात्रा हमारे द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा भरेगी।"

Point of View

बल्कि यह क्षेत्रीय स्थिरता और विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
NationPress
11/11/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी कब भूटान के दौरे पर जा रहे हैं?
पीएम मोदी 11-12 नवंबर को भूटान के दौरे पर जा रहे हैं।
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस दौरे का मुख्य उद्देश्य चतुर्थ नरेश की 70वीं जयंती पर शामिल होना और पुनात्सांगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करना है।
पुनात्सांगछू-II परियोजना का महत्व क्या है?
यह परियोजना भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी का नया मील का पत्थर है, जो भूटान की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगी।
भूटान में कौन सी प्रदर्शनी लगाई जाएगी?
भूटान में भगवान बुद्ध के पवित्र पिपरहवा अवशेषों की प्रदर्शनी लगाई जाएगी।
क्या यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों को प्रभावित करेगी?
हाँ, यह यात्रा भारत-भूटान संबंधों को और मजबूत करेगी।