क्या राष्ट्रपति मुर्मू और प्रेसिंडेंट बोको की मुलाकात में चीते छोड़े गए?

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क्या राष्ट्रपति मुर्मू और प्रेसिंडेंट बोको की मुलाकात में चीते छोड़े गए?

सारांश

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और बोत्सवाना के राष्ट्रपति ने मिलकर वन्यजीव संरक्षण और दवाओं के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। इस महत्वपूर्ण दौरे में प्रोजेक्ट चीता के तहत आठ चीते बोत्सवाना से भारत को सौंपे गए हैं। इस सहयोग से दोनों देशों के बीच संबंध मजबूत होंगे।

Key Takeaways

  • वन्यजीव संरक्षण में भारत और बोत्सवाना के बीच सहयोग बढ़ा।
  • प्रोजेक्ट चीता के तहत आठ चीतों का पुनर्स्थापन किया गया।
  • दवाइयों की गुणवत्ता और मूल्य पर सहमति हुई।
  • दोनों देशों ने व्यापार और निवेश पर चर्चा की।
  • भारत को लोकतंत्र की जननी बताया गया।

गैबोरोन, 13 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारत की राष्ट्रपति और देश की प्रथम नागरिक द्रौपदी मुर्मू वर्तमान में बोत्सवाना के दौरे पर हैं। इस दौरे में दोनों देशों के बीच वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः सुनिश्चित किया गया है। इसके अतिरिक्त, भारत और बोत्सवाना ने दवाइयों के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया।

बोत्सवाना ने भारत को प्रोजेक्ट चीता के तहत आठ चीते भी सौंपे हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और उनके बोत्सवाना समकक्ष ड्यूमा गिदोन बोको की उपस्थिति में, गुरुवार को अफ्रीकी देश के घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को दक्षिणी बोत्सवाना के मोकोलोडी नेचर रिजर्व में छोड़ा गया।

राष्ट्रपति सचिवालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "भारत-बोत्सवाना वन्यजीव संरक्षण साझेदारी में एक नया अध्याय: बोत्सवाना के घांजी क्षेत्र से पकड़े गए चीतों को मोकोलोडी नेचर रिजर्व के क्वारंटाइन केंद्र में छोड़ा गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको इसकी साक्षी बने। यह कार्यक्रम प्रोजेक्ट चीता के अगले चरण के तहत बोत्सवाना द्वारा भारत को आठ चीते उपहार में देने का प्रतीक था।"

राष्ट्रपति मुर्मू ने गैबोरोन स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में बुधवार को अपने बोत्सवाना समकक्ष ड्यूमा गिदोन बोको के साथ बैठक की। बैठक के दौरान, दोनों देशों के नेताओं ने व्यापार, निवेश, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल विकास, रक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी सहित प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।

दोनों देशों के बीच दवाइयों के क्षेत्र में भी समझौता हुआ है। भारत और बोत्सवाना ने आम जन तक उच्च गुणवत्ता और कम कीमत की भारतीय दवाइयों को पहुंचाने पर सहयोग करने का निर्णय लिया है। इसके लिए दोनों नेताओं ने एमओयू पर हस्ताक्षर भी किए।

बैठक की जानकारी साझा करते हुए, राष्ट्रपति सचिवालय ने कहा, "बोत्सवाना के राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको ने गैबोरोन स्थित राष्ट्रपति कार्यालय में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का स्वागत किया। विस्तृत चर्चाओं में, दोनों नेताओं ने प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की।"

राष्ट्रपति सचिवालय ने बताया, "राष्ट्रपति ने प्रोजेक्ट चीता के अगले चरण के तहत भारत में चीतों को भेजने के लिए राष्ट्रपति बोको और बोत्सवाना के लोगों का धन्यवाद किया। इस अवसर पर बोत्सवाना के नागरिकों के लिए उच्च गुणवत्ता वाली और किफायती भारतीय दवाओं तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए गए।"

बैठक के दौरान, राष्ट्रपति ड्यूमा गिदोन बोको ने भारत को लोकतंत्र की जननी बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत अफ्रीकी राष्ट्र की विकास यात्रा में प्रेरणा और समर्थन का एक अटूट स्रोत रहा है।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत और बोत्सवाना की इस मुलाकात ने न केवल वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा दिया है, बल्कि दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा भी दी है। यह सहयोग हमें एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की ओर ले जाएगा।
NationPress
13/11/2025

Frequently Asked Questions

भारत और बोत्सवाना के बीच क्या सहयोग हुआ है?
भारत और बोत्सवाना ने वन्यजीव संरक्षण और दवाइयों के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
प्रोजेक्ट चीता क्या है?
प्रोजेक्ट चीता एक पहल है जिसके अंतर्गत चीतों को भारत में पुनर्स्थापित किया जा रहा है।
इस दौरे में कौन-कौन से प्रमुख विषय उठाए गए?
इस दौरे में व्यापार, निवेश, कृषि, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य, और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हुई।