क्या भारत की महिला सरबजीत कौर पाकिस्तान में लापता हो गईं?
सारांश
Key Takeaways
- सरबजीत कौर 4 नवंबर को लापता हुईं।
- वह गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व मनाने गई थीं।
- 1,922 तीर्थयात्री लौट आए, लेकिन वह नहीं थीं।
- दोनों देशों की खुफिया एजेंसियां सक्रिय हैं।
- भारत सरकार पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में है।
चंडीगढ़, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के कपूरथला की सरबजीत कौर पाकिस्तान में लापता हो गई हैं। वह 4 नवंबर को गुरु नानक देव का प्रकाश पर्व (जन्मोत्सव) मनाने के लिए जत्थे के साथ गई थीं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार, 4 नवंबर को 1,923 तीर्थयात्रियों के जत्थे के साथ वह अट्टारी बॉर्डर से पाकिस्तान गई थीं। इस जत्थे का नेतृत्व अकाल तख्त साहेब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज कर रहे थे।
10 दिन तक पाकिस्तान के गुरुद्वारों में मत्था टेकने के बाद 1,922 तीर्थयात्री लौट आए, लेकिन सरबजीत कौर उनके साथ नहीं थीं।
उनकी गुमशुदगी के बाद, दोनों देशों की खुफिया एजेंसियों ने उन्हें ट्रेस करने के लिए काम करना शुरू कर दिया है।
भारत सरकार के सूत्रों ने राष्ट्र प्रेस को बताया कि पाकिस्तान में भारतीय दूतावास पाकिस्तानी अधिकारियों के संपर्क में है।
4 नवंबर को, सिख तीर्थयात्री श्री गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व मनाने के लिए पाकिस्तान के ननकाना साहिब गए थे। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने कथित तौर पर दिल्ली और लखनऊ के 14 हिंदुओं को सिख जत्थे के साथ यात्रा करने से मना कर दिया था।
पिछले महीने, केंद्र सरकार ने सिख तीर्थयात्रियों को पाकिस्तान स्थित ननकाना साहिब गुरुद्वारे की 10 दिवसीय यात्रा करने और जयंती मनाने की अनुमति दी थी। इससे पहले, भारत सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए अनुमति नहीं दी थी।
हर साल, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) सिख श्रद्धालुओं का एक प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान भेजती है, ताकि वे सिख धर्म से जुड़े विभिन्न ऐतिहासिक गुरुद्वारों में, खासकर गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर, मत्था टेक सकें।
गुरु नानक देव जी की 556वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित 10 दिवसीय उत्सव में भाग लेने के लिए 2,100 से अधिक तीर्थयात्रियों को वीजा प्रदान किया गया था।