क्या पुतिन ने परमाणु परीक्षण का प्रस्ताव पेश करने के लिए सख्त आदेश दिया है?

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क्या पुतिन ने परमाणु परीक्षण का प्रस्ताव पेश करने के लिए सख्त आदेश दिया है?

सारांश

रूस और अमेरिका के बीच बढ़ते परमाणु तनाव के बीच, राष्ट्रपति पुतिन ने अपने अधिकारियों को परीक्षणों के लिए ठोस प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया है। यह कदम ट्रंप के हालिया बयान के बाद आया है। क्या यह तनाव और बढ़ेगा? जानिए पूरी खबर।

Key Takeaways

  • रूस और अमेरिका के बीच बढ़ता परमाणु तनाव चिताजनक है।
  • पुतिन ने ठोस प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया है।
  • ट्रंप के बयान ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है।

मास्को, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। रूस और अमेरिका के बीच परमाणु तनाव एक बार फिर गहराने के संकेत मिल रहे हैं। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को अपने शीर्ष अधिकारियों को संभावित परमाणु हथियार परीक्षणों पर ठोस प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका परमाणु परीक्षणों को फिर से शुरू करने पर विचार कर रहा है।

आरटी टीवी ने इस अति महत्वपूर्ण बैठक का वीडियो भी एक्स पर पोस्ट किया है। इसमें रक्षा मंत्री आंद्रे बेलौसोव पुतिन को ब्रीफ करते सुने जा सकते हैं। वहीं, पुतिन ने कहा कि रूस ने अब तक व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के तहत अपने सभी दायित्वों का कड़ाई से पालन किया है। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि अमेरिका या कोई अन्य परमाणु शक्ति इस संधि का उल्लंघन कर परीक्षण करती है, तो रूस भी उसी मार्ग पर चलेगा।

रूसी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं विदेश मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, विशेष सेवाओं और संबंधित नागरिक एजेंसियों को निर्देश दे रहा हूं कि वे इस मुद्दे पर अतिरिक्त जानकारी जुटाएं, सुरक्षा परिषद में उसका विश्लेषण करें और परमाणु परीक्षणों की तैयारी की संभावना पर ठोस प्रस्ताव प्रस्तुत करें।”

बेलौसोव ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि मास्को को "रूस की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाशिंगटन के कदमों पर प्रतिक्रिया देनी चाहिए। परमाणु परीक्षणों की तैयारी तुरंत शुरू करना उचित है।"

पुतिन ने जवाब में दोहराया कि रूस लंबे समय से कहता रहा है कि वह व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि का पालन करेगा, बशर्ते अन्य सदस्य इस समझौते का उल्लंघन न करें।

रूसी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक ट्रंप ने रूस और चीन पर 'गुप्त' परमाणु विस्फोट करने का आरोप लगाया था हालांकि मास्को और बीजिंग दोनों ने इन आरोपों का खंडन किया।

ट्रंप के बयान के बाद, क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि मास्को अभी भी अमेरिकी राष्ट्रपति की टिप्पणियों के पूरे अर्थ के बारे में 'अमेरिकी पक्ष से स्पष्टीकरण' का इंतजार कर रहा है।

अमेरिका ने आखिरी बार 1992 में, चीन-फ्रांस ने 1996 में और सोवियत संघ ने 1990 में परमाणु परीक्षण किया था। सोवियत संघ के विघटन के बाद रूस ने अब तक कोई नया परीक्षण नहीं किया है।

Point of View

यह कहना उचित होगा कि रूस और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव की स्थिति चिताजनक है। हमें आशा करनी चाहिए कि दोनों देश संवाद के माध्यम से इस मुद्दे का समाधान निकालें और विश्व शांति बनाए रखें।
NationPress
05/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या रूस ने परमाणु परीक्षणों का प्रस्ताव दिया है?
हां, राष्ट्रपति पुतिन ने संभावित परमाणु परीक्षणों पर ठोस प्रस्ताव तैयार करने का आदेश दिया है।
ट्रंप का बयान क्या था?
ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका फिर से परमाणु परीक्षणों पर विचार कर रहा है।
रूस ने पहले कब परमाणु परीक्षण किए थे?
रूस ने आखिरी बार सोवियत संघ के विघटन के बाद कोई नया परीक्षण नहीं किया है।