क्या शशि थरूर ने टीआरएफ को 'वैश्विक आतंकी समूह' घोषित करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया?

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क्या शशि थरूर ने टीआरएफ को 'वैश्विक आतंकी समूह' घोषित करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया?

सारांश

शशि थरूर ने अमेरिका द्वारा टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित करने के फैसले का स्वागत किया है। यह निर्णय अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो सकता है। थरूर ने इस कदम को सकारात्मक परिवर्तन की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास बताया।

Key Takeaways

  • शशि थरूर ने अमेरिका के निर्णय का स्वागत किया।
  • टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करने से पाकिस्तान पर दबाव बढ़ेगा।
  • यह कदम आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक एकता का प्रतीक है।
  • अमेरिका का समर्थन भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
  • संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने टीआरएफ की भूमिका पर जानकारी साझा की।

नई दिल्ली, 19 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पूर्व राजनयिक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) के खिलाफ अमेरिका की कार्रवाई का स्वागत किया है। तिरुवनंतपुरम से सांसद थरूर ने आशा व्यक्त की कि इस फैसले से पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ेगा कि वह अपनी ज़मीन से संचालित हो रहे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करे।

हाल ही में अमेरिका ने 'द रेजिस्टेंस फ्रंट' (टीआरएफ) को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया। यह कदम 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद उठाया गया, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी टीआरएफ ने ली थी। इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने न्याय की मांग करते हुए भारत को समर्थन देने की बात कही थी।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "मैं अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से लश्कर के प्रतिनिधि संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट को आतंकवादी संगठन घोषित किए जाने का स्वागत करता हूं, जिसने पहलगाम की घटना की जिम्मेदारी ली थी। यह पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने वाला कदम है कि वह उसकी गतिविधियों पर रोक लगाए और उसे नियंत्रित करे।"

एक अन्य पोस्ट में थरूर ने वाशिंगटन में हुई अपनी बैठकों की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा, "जब मैंने वाशिंगटन में निजी बातचीत के दौरान यह सीधा सवाल पूछा कि अमेरिका अभी भी पाकिस्तान को आतंकवादी संगठनों को पनाह देने की छूट क्यों दे रहा है, तो मुझे बताया गया कि पाकिस्तान का कुछ हद तक अमेरिका के साथ आतंकवाद विरोधी अभियानों में कथित सहयोग है। उदाहरण के तौर पर हाल में काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिकी मरीनों की हत्या के आरोपी व्यक्ति को पाकिस्तान ने अमेरिका को सौंपा है।"

निरंतर वैश्विक कार्रवाई की जरूरत पर जोर देते हुए शशि थरूर ने कहा, "आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तानी कार्रवाई की गुणवत्ता और ईमानदारी पर संदेह उन संगठनों के साथ हमारे अपने अनुभव को दर्शाता है जो हमारे खिलाफ हैं, न कि उन संगठनों के साथ जिन्हें अमेरिका शत्रुतापूर्ण मानता है। यह कदम इस मुद्दे पर अमेरिका और हमारे बीच के धारणाओं के अंतर को पाटने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। इससे टीआरएफ को संयुक्त राष्ट्र में सूचीबद्ध कराने के हमारे प्रयासों में भी मदद मिलेगी।"

टीआरएफ ने पहलगाम हमले की जिम्मेदारी ली थी, जो 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारतीय नागरिकों पर हुआ सबसे घातक आतंकवादी हमला था। इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को व्यक्तिगत रूप से फोन करके संवेदना व्यक्त की थी और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने में अमेरिका का अटूट समर्थन व्यक्त किया था।

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने गुरुवार को औपचारिक रूप से टीआरएफ को नामित विदेशी आतंकवादी संगठन (एफटीओ) और विशेष रूप से नामित वैश्विक आतंकवादियों (एसडीजीटी) की सूची में शामिल करने की घोषणा की। रुबियो ने कहा, "यह कार्रवाई हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों की रक्षा, आतंकवाद से लड़ने और पहलगाम हमले के लिए न्याय की मांग पर राष्ट्रपति ट्रंप की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।"

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रुबियो के साथ हालिया बैठकों और वाशिंगटन में क्वाड बैठक में इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने टीआरएफ जैसे आतंकवादी संगठनों के खिलाफ समन्वित वैश्विक कार्रवाई के भारत के आह्वान पर जोर दिया था।

इस बीच, शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने पिछले महीने वाशिंगटन का दौरा किया, जिसने अमेरिकी सांसदों और अधिकारियों को टीआरएफ की भूमिका और आतंकी ढांचे को पाकिस्तानी समर्थन के बारे में जानकारी दी।

टीआरएफ को आतंकी संगठन घोषित किया जाना भारत-अमेरिका के बीच आतंकवाद विरोधी सामूहिक प्रयास का हिस्सा है। ये आतंकवाद के प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है।

Point of View

बल्कि वैश्विक सुरक्षा के लिए भी महत्वपूर्ण है। यह विश्वास दिलाता है कि आतंकवाद का कोई भी समर्थन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
NationPress
19/07/2025

Frequently Asked Questions

टीआरएफ क्या है?
टीआरएफ का पूरा नाम 'द रेसिस्टेंस फ्रंट' है, यह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा एक आतंकवादी संगठन है।
अमेरिका ने टीआरएफ को क्यों आतंकवादी संगठन घोषित किया?
अमेरिका ने टीआरएफ को वैश्विक आतंकवादी संगठन घोषित किया है क्योंकि इसने कई आतंकी हमलों की जिम्मेदारी ली है, जिसमें पहलगाम हमला भी शामिल है।
शशि थरूर का इस पर क्या कहना है?
शशि थरूर ने अमेरिका के इस फैसले का स्वागत किया है और इसे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने वाला कदम बताया है।
क्या यह निर्णय भारत के लिए महत्वपूर्ण है?
हाँ, यह निर्णय भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त प्रयासों को बढ़ावा देता है।
क्या अमेरिका पाकिस्तान को आतंकवादियों को पनाह देने की छूट दे रहा है?
शशि थरूर के अनुसार, अमेरिका ने यह बताया है कि पाकिस्तान कुछ हद तक आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग कर रहा है।