क्या पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लैंगिक हिंसा के मामलों में वृद्धि हो रही है?

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क्या पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लैंगिक हिंसा के मामलों में वृद्धि हो रही है?

सारांश

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लैंगिक हिंसा के मामलों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। यह रिपोर्ट गंभीर चिंताओं को उजागर करती है, जिसमें विशेष रूप से आत्महत्या और ऑनर किलिंग शामिल हैं। जानिए इस मुद्दे की गहराई और सामाजिक प्रभावों के बारे में।

Key Takeaways

  • सिंध प्रांत में 2,564 लैंगिक हिंसा के मामले सामने आए हैं।
  • 70 प्रतिशत मामलों में डब्ल्यूएएफ ने निगरानी रखी।
  • ऑनर किलिंग के मामलों में इजाफा हुआ है।
  • महिलाओं की आत्महत्या की संख्या में वृद्धि हो रही है।
  • सरकार की उदासीनता और पुलिस की लापरवाही मुख्य कारण हैं।

इस्लामाबाद, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के सिंध प्रांत में लैंगिक हिंसा के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है। यह जानकारी महिला अधिकार संगठन ‘वीमेन एक्शन फोरम’ (डब्ल्यूएएफ) की रिपोर्ट ‘काउंटिंग द वूंड्स’ में दी गई है, जो वर्ष 2021 से 2024 के बीच के आंकड़ों पर आधारित है।

रिपोर्ट के अनुसार, सिंध में 2,564 लैंगिक हिंसा के मामले सामने आए, जो इस समस्या के लगातार बढ़ते ग्राफ को दर्शाते हैं। पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, डब्ल्यूएएफ ने इनमें से 70 प्रतिशत मामलों में सक्रिय रूप से निगरानी रखी और आंकड़ों को प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक व सोशल मीडिया से संकलित किया।

इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के मौके पर पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, विकास क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया। सभी ने बढ़ते मामलों पर चिंता जताई, जिनमें आत्महत्या, हत्या, ऑनर किलिंग और यौन उत्पीड़न शामिल हैं।

डब्ल्यूएएफ की नेता अमर सिंधु ने बताया कि ऑनर किलिंग के मामलों में खासा इजाफा हुआ है और अधिकांश मामलों में आरोपी पीड़िता के अपने ही परिवार के सदस्य थे। उन्होंने कहा कि सरकार की उदासीनता और पुलिस की लापरवाही इस स्थिति को और भयावह बना रही है।

कार्यकर्ता अर्फाना मल्ह ने कहा कि ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि "मुस्कुराते चेहरों पर लगे जख्म" हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अधिकांश मामलों में एफआईआर दर्ज नहीं करती और जब तक एसएसपी हस्तक्षेप नहीं करता, तब तक कोई कार्रवाई नहीं होती। अंततः वह भी पीछे हट जाता है और थानेदार ही अंतिम निर्णय लेता है।

हसीन मस्सर्रत ने कहा कि नाबालिग लड़कियों के साथ यौन शोषण के मामलों में भी वृद्धि देखी जा रही है और मीडिया के माध्यम से पीड़िताओं का 'ट्रायल' कराया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि पुरुषों को इन मुद्दों में कोई खास दिलचस्पी नहीं होती।

कवयित्री खालिदा मुनीर ने बताया कि वर्ष 2023 में बड़ी संख्या में महिलाओं ने आत्महत्या की। उन्होंने कहा कि आज भी महिलाओं को शादी के नाम पर मौत के घाट उतारा जा रहा है।

शहनाज शीदी ने कहा कि पाकिस्तान में महिलाओं को इंसान नहीं, बल्कि जानवर समझा जाता है। कार्यक्रम में ह्यूमन राइट्स कमीशन ऑफ पाकिस्तान (एचआरसीपी) से इस्माइल कुम्भार, सुलेमान अबरो, ग़ुरफ़राना आराईं, रमेश कुमार गुप्ता और अन्य लोगों ने भी अपने विचार रखे।

Point of View

हमें इस गंभीर मुद्दे पर ध्यान देने की आवश्यकता है। लैंगिक हिंसा की बढ़ती घटनाएं न केवल महिलाओं के अधिकारों के लिए खतरा हैं, बल्कि पूरे समाज के लिए चिंता का विषय हैं। समाज को जागरूक करना और इस दिशा में ठोस कदम उठाना आवश्यक है।
NationPress
19/12/2025

Frequently Asked Questions

सिंध में लैंगिक हिंसा के मामलों में वृद्धि का मुख्य कारण क्या है?
मुख्य कारणों में समाज में व्याप्त लैंगिक असमानता, पुलिस की लापरवाही और सरकार की उदासीनता शामिल हैं।
वीमेन एक्शन फोरम (डब्ल्यूएएफ) की रिपोर्ट में क्या कहा गया है?
डब्ल्यूएएफ की रिपोर्ट में 2,564 लैंगिक हिंसा के मामलों का जिक्र किया गया है, जो 2021 से 2024 तक के डेटा पर आधारित है।
क्या सरकार इस समस्या के समाधान के लिए कोई कदम उठा रही है?
हालांकि सरकार ने कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ये कदम अपर्याप्त हैं।
इस समस्या का सामाजिक प्रभाव क्या है?
लैंगिक हिंसा के मामले महिलाओं के अधिकारों पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं और समाज में भय का माहौल पैदा करते हैं।
इस रिपोर्ट में महिलाओं की आत्महत्या के मामलों का क्या जिक्र है?
रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2023 में बड़ी संख्या में महिलाओं ने आत्महत्या की है।
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