क्या दक्षिण कोरिया में बलूचिस्तान के नरसंहार का विरोध हो रहा है?

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क्या दक्षिण कोरिया में बलूचिस्तान के नरसंहार का विरोध हो रहा है?

सारांश

दक्षिण कोरिया में बलूच नेशनल मूवमेंट ने जेहरी में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ एक प्रभावी प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन ने स्थानीय लोगों को जागरूक किया और बलूचिस्तान के मानवीय संकट को उजागर किया। क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस गंभीर स्थिति पर ध्यान देगा?

Key Takeaways

  • दक्षिण कोरिया में बलूच नेशनल मूवमेंट का प्रदर्शन
  • पाकिस्तानी सेना के खिलाफ आरोप
  • मानवीय संकट की स्थिति
  • अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों का हस्तक्षेप आवश्यक
  • स्थानीय जागरूकता बढ़ाना

सियोल, 27 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दक्षिण कोरिया में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन का आयोजन होने जा रहा है। इसमें अमेरिका के राष्ट्रपति भी शामिल होंगे। इस बीच, दक्षिण कोरिया के बुसान में बलूच नेशनल मूवमेंट (बीएनएम) ने बलूचिस्तान के जेहरी में पाकिस्तानी सेना द्वारा जारी घेराबंदी और आक्रामकता के खिलाफ प्रदर्शन किया।

प्रदर्शनकारियों ने बलूचिस्तान की मानवीय स्थिति को उजागर करने और अपनी पीड़ा साझा करने के लिए स्थानीय लोगों में अंग्रेजी और कोरियाई में पंफलेट बांटे। बलूच लोगों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना उन्हें घर से उठाकर हत्या कर देती है।

बीएनएम के कार्यकर्ताओं ने पाकिस्तानी सेना पर बलूच समुदाय के खिलाफ युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया और सेना को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जवाबदेह ठहराने की आवश्यकता पर बल दिया। प्रदर्शनकारियों ने 'जेहरी की घेराबंदी समाप्त करो!', 'बलूचिस्तान के लिए न्याय!' और 'बलूच नरसंहार बंद करो!' जैसे बैनर लेकर विरोध प्रदर्शन किया।

इसके अतिरिक्त, उन्होंने जेहरी में तबाह हुए घरों और पीड़ित परिवारों की तस्वीरें दिखाकर स्थानीय लोगों में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया।

बीएनएम ने बताया कि हाल ही में पाकिस्तानी सेना के हवाई हमलों में 10 बच्चों सहित 20 से अधिक नागरिक मारे गए हैं और 50 से ज्यादा युवाओं को जबरन गायब कर दिया गया है। उन्होंने जेहरी में मानवीय संकट का विस्तृत विवरण दिया, जिसमें भोजन, पानी और दवाओं की भारी कमी, अस्पतालों का सैन्य ठिकानों में बदलना और नागरिकों की आवाजाही पर 24 घंटे का कर्फ्यू शामिल है।

बीएनएम ने एक प्रदर्शनकारी के हवाले से कहा, 'जेहरी खून से लथपथ है और दुनिया को चुप नहीं रहना चाहिए।' इसके साथ ही उन्होंने एमनेस्टी इंटरनेशनल सहित अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से तुरंत हस्तक्षेप करने और जेहरी में मानवीय सहायता की पहुंच सुनिश्चित करने की अपील की।

पिछले हफ्ते, बीएनएम ने नीदरलैंड के उट्रेच शहर में बलूचिस्तान के जेहरी क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के आक्रमण की निंदा करते हुए एक विरोध प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन में बीएनएम के सदस्य और मानवाधिकार कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के आक्रमण, जबरन गुमशुदगी और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ तख्तियां और बैनर प्रदर्शित किए।

दक्षिण कोरिया में प्रदर्शन के अलावा बीएनएम ने अमेरिका में व्हाइट हाउस के बाहर एक जागरूकता अभियान भी चलाया। बीएनएम कार्यकर्ताओं ने जेहरी में हो रहे मानवाधिकार उल्लंघनों और बिगड़ती स्थिति पर प्रकाश डालने के लिए पंफलेट बांटे।

बीएनएम द्वारा बांटे गए पंफलेट में पाकिस्तान को एक 'आतंकवादी राज्य' बताया गया है, जो 'बलूच और अन्य उत्पीड़ित राष्ट्रों' के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करता है।

Point of View

मेरा मानना है कि मानवाधिकारों का उल्लंघन किसी भी देश में हो रहा है, उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए। बलूचिस्तान में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाना आवश्यक है। हमें इस मुद्दे पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।
NationPress
27/10/2025

Frequently Asked Questions

दक्षिण कोरिया में प्रदर्शन का मुख्य कारण क्या था?
दक्षिण कोरिया में बलूच नेशनल मूवमेंट ने पाकिस्तानी सेना के जेहरी में जारी आक्रामक कार्रवाई और घेराबंदी के खिलाफ प्रदर्शन किया।
बीएनएम ने प्रदर्शन में क्या संदेश दिया?
बीएनएम ने बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन और पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया।
क्या अंतरराष्ट्रीय समुदाय का इस मुद्दे पर ध्यान है?
प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से हस्तक्षेप की अपील की है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं।