क्या सबक्लेड 'के' फ्लू: यूके, यूएस और कनाडा में बढ़ते केस एक नया खतरा है?

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क्या सबक्लेड 'के' फ्लू: यूके, यूएस और कनाडा में बढ़ते केस एक नया खतरा है?

सारांश

विश्व इन्फ्लूएंजा के नए स्वरूप ‘सबक्लेड के’ से जूझ रहा है। यूके और कनाडा में इसके मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। जानिए इसके कारण और इससे संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी।

Key Takeaways

  • सबक्लेड 'के' फ्लू के मामलों में वृद्धि हो रही है।
  • यह तेज बुखार और अन्य गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।
  • वैक्सीनेशन की दर बढ़ाना आवश्यक है।
  • विश्व स्वास्थ्य एजेंसियाँ सतर्क हैं।
  • भारत में भी प्रभाव पड़ सकता है।

नई दिल्ली, 26 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। विश्व फिर से इन्फ्लूएंजा के एक नए स्वरूप से निपट रहा है। इस बार ‘सबक्लेड के’ एच3एन2 फ्लू का उभरता हुआ संस्करण है, जिसने यूके और कनाडा में मामलों में अचानक वृद्धि का कारण बना है। यह नाम भले ही तकनीकी लगता हो, लेकिन यह चिंता का विषय इसलिए बन गया है क्योंकि यह वेरिएंट असामान्य रूप से फैल रहा है और कई देशों में अस्पतालों पर दबाव डाल चुका है।

जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय को लगभग एक महीने पहले पूरे देश में इन्फ्लूएंजा को आधिकारिक महामारी घोषित करना पड़ा। जापान में फ्लू सीजन आमतौर पर बाद में चरम पर पहुँचता है, लेकिन इस बार संक्रमण सितंबर–अक्टूबर से ही उफान पर था। कई प्रांतों में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद करना पड़ा था।

यूके के सार्वजनिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, इस सीजन में फ्लू संक्रमण समय से पहले और तेजी से बढ़ा है। स्कूलों में अनुपस्थिति की दर में वृद्धि, बुजुर्गों में अस्पताल में भर्ती होने की घटनाएँ और कई शहरों में एक साथ क्लस्टर मिलने का मुख्य कारण यही सबक्लेड 'के' है। कनाडा में भी हाल के हफ्तों में फ्लू परीक्षण पॉजिटिविटी रेट में उछाल देखा गया है, जो पिछले वर्षों की तुलना में अधिक तेज है। देश के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि यह स्ट्रेन युवा व्यक्तियों के बीच भी तेजी से फैल रहा है, जिससे नियंत्रण कठिन हो रहा है।

एच1एन1 वायरस (जिसे स्वाइन फ्लू के नाम से जाना जाता है) की तुलना में, एच3एन2 वायरस अक्सर गंभीर लक्षणों से जुड़े होते हैं। इनमें तेज बुखार, थकान, शरीर में तेज दर्द, गले में खराश, ठंड लगना, नाक का बहना या बंद होना और उल्टी या दस्त शामिल हो सकते हैं।

अमेरिका के रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, अमेरिका में 2010 के बाद से फ्लू के कारण अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या सबसे अधिक है। विशेषज्ञों को चिंता है कि सबक्लेड 'के' से और अधिक मामले और मौतें हो सकती हैं। सीडीसी का कहना है कि इस साल वैक्सीनेशन भी कम हुआ है।

ड्यूक यूनिवर्सिटी में मेडिसिन के प्रोफेसर और संक्रामक रोग विशेषज्ञ कैमरन वोल्फ ने मीडिया आउटलेट 'द हिल' को बताया, "यह जरूरी नहीं कि यह अधिक गंभीर होने के कोई संकेत दे रहा हो। मुझे लगता है कि यह हमारी पूर्व की इम्यूनिटी से कुछ हद तक बच गया है, और शायद यही कारण है कि हम सीजन की शुरुआत में इसे सामान्य रूप से जितना देखते हैं, उससे अधिक देख रहे हैं।"

विशेषज्ञ इसे ‘जेनेटिक ड्रिफ्ट’ का हिस्सा बताते हैं—फ्लू वायरस हर साल छोटे-छोटे बदलाव करता है और जब बदलाव कुछ ज्यादा हो जाते हैं, तब संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि पहले की प्रतिरक्षा पूरी तरह से प्रभावी नहीं रहती। सबक्लेड 'के' भी इसी क्रम का हिस्सा है, लेकिन इसकी खासियत यह है कि यह वेरिएंट कई देशों में लगभग एक ही समय पर उभरा है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।

वैक्सीन की प्रभावशीलता को लेकर फिलहाल मिश्रित संकेत हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस साल के फ्लू शॉट्स इस स्ट्रेन के खिलाफ उचित सुरक्षा प्रदान करते हैं, लेकिन वे यह भी मानते हैं कि इसकी उच्च संक्रामकता दर्शाती है कि वैक्सीन कवरेज को बढ़ाना आवश्यक है। जिन देशों में वैक्सीनेशन दर कम है, वहाँ यह लहर और बढ़ सकती है।

भारत के लिए भी यह रुझान चेतावनी का संकेत है। यहाँ मौसमी फ्लू के मामलों में अक्सर सर्दियों और वसंत में बढ़ोतरी होती है, और वैश्विक प्रवृत्तियाँ आमतौर पर दक्षिण एशिया में कुछ हफ्ते बाद प्रभाव डालती हैं। हवाई यात्राओं, छात्र विनिमय कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं की वजह से फ्लू स्ट्रेन जल्दी देश में प्रवेश कर जाते हैं।

कुल मिलाकर, सबक्लेड 'के' कोई ‘सुपर फ्लू’ नहीं है, लेकिन इसकी तेजी से बढ़ती उपस्थिति दर्शाती है कि फ्लू को हल्के में लेना महंगा पड़ सकता है। विश्व कोविड के बाद सतर्क है, लेकिन फ्लू वायरस हमेशा याद दिलाता है कि अगला खतरा किसी भी मौसम में उभर सकता है—और तैयारी हर बार पहले से बेहतर होनी चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि सबक्लेड 'के' के बढ़ते मामले सिर्फ एक स्वास्थ्य संकट नहीं हैं, बल्कि यह एक चेतावनी है। हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए और स्वास्थ्य प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए।
NationPress
26/11/2025

Frequently Asked Questions

सबक्लेड 'के' फ्लू क्या है?
यह एच3एन2 फ्लू का एक नया स्वरूप है, जो तेजी से फैल रहा है।
इस फ्लू के लक्षण क्या हैं?
तेज बुखार, थकान, शरीर में दर्द, गले में खराश, और उल्टी या दस्त इसके लक्षण हो सकते हैं।
क्या सबक्लेड 'के' से वैक्सीनेशन की आवश्यकता है?
हाँ, वैक्सीनेशन जरूरी है क्योंकि यह स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है।
क्या यह फ्लू अधिक गंभीर है?
यह फ्लू एच1एन1 की तुलना में अधिक गंभीर लक्षणों से जुड़ा हो सकता है।
भारत में इसका क्या प्रभाव हो सकता है?
भारत में भी मौसमी फ्लू के मामले बढ़ सकते हैं, इसलिए सतर्क रहना जरूरी है।
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