क्या फिलीपींस ने ताइवान के साथ तनाव के बीच चीन के जहाज को चुनौती दी?
सारांश
Key Takeaways
- फिलीपींस ने चीन के खोजी जहाज को चुनौती दी।
- चीन और ताइवान के बीच तनाव बढ़ रहा है।
- विदेशी जहाजों को समुद्री अनुसंधान के लिए सरकारी अनुमति आवश्यक है।
- पायलटों ने कई रेडियो चुनौती जारी की।
- फिलीपींस ने अपने अधिकारों का दावा किया।
मनीला, 31 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में चीन और ताइवान के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है। इस बीच, फिलीपींस ने चीन को चुनौती देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। फिलीपींस कोस्ट गार्ड द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, उसने मंगलवार को चीन के खोजी जहाज को चुनौती दी।
जिस जहाज के माध्यम से फिलीपींस ने चुनौती दी है, वह सबमर्सिबल जहाजों के लिए आधार का काम करता है। फिलीपींस ने यह कदम तब उठाया, जब चीन ने अपने सैन्य अभ्यास के जरिए ताइवान में फिर से तनाव उत्पन्न कर दिया।
चीन का यह रिसर्च वेसल उत्तरी कागायन प्रांत के तट से लगभग 19 नॉटिकल मील दूर देखा गया था। इस संदर्भ में फिलीपींस कोस्ट गार्ड (पीसीजी) ने एक बयान में कहा कि पायलट ने सीआरवी टैन सुओ एर हाओ को कई रेडियो चुनौती दी, यह पुष्टि करने के लिए कि क्या वह मनीला की अनुमति के बिना समुद्री अनुसंधान कर रहा है।
हालांकि, कोई जवाब नहीं मिला, लेकिन यदि चीन ऐसा कर रहा है, तो यह न केवल फिलीपींस के कानून का उल्लंघन होगा, बल्कि इसे अंतर्राष्ट्रीय कानून का भी उल्लंघन माना जाएगा।
अंतर्राष्ट्रीय और फिलीपींस कानून के तहत, विदेशी जहाजों को देश के एक्सक्लूसिव आर्थिक क्षेत्र के भीतर समुद्री वैज्ञानिक खोज करने से पहले सरकारी मंजूरी लेनी आवश्यक है।
पीसीजी के प्रवक्ता जे टैरिएला ने कहा कि अधिकारियों ने वेसल की मौजूदगी को चुनौती देने के लिए तुरंत एक समुद्री डोमेन जागरूकता उड़ान का आदेश दिया।
इस ऑपरेशन का उद्देश्य यह सत्यापित करना था कि क्या चीनी रिसर्च वेसल टैन सुओ एर हाओ फिलीपींस सरकार से अनुमति लिए बिना समुद्री वैज्ञानिक खोज कर रहा था। इसके साथ ही, फिलीपींस अपने एक्सक्लूसिव आर्थिक क्षेत्र में देश की संप्रभुता के अधिकारों का दावा करना चाहता था।
टैरिएला ने कहा, "पीसीजी पायलटों ने कई रेडियो चुनौती भी जारी की, जिसमें वेसल से उसके इरादों के बारे में पूछा गया और उसे फिलीपींस के जल क्षेत्र में वैज्ञानिक खोज करने के लिए अनुमति की आवश्यकता याद दिलाई गई।"
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने 'जस्टिस मिशन 2025' अभ्यास आरंभ किया है। इसके तहत ताइवान के आसपास के क्षेत्र में थल सेना, वायु सेना और तोपखाने की इकाइयाँ तैनात की गई हैं। इसके साथ ही लाइव फायर ड्रिल भी किया जाएगा। इससे ताइवान सहित चीन और जापान के बीच भारी तनाव उत्पन्न हो गया है।
इस बीच, ताइवान ने चीन की इस कार्रवाई की आलोचना की है। वर्तमान में प्रारंभिक अभ्यास किए जा रहे हैं। चीन की सेना द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, असल मायने में अभ्यास स्थानीय समयानुसार मंगलवार को सुबह आठ बजे से लेकर शाम के छह बजे तक जारी रहा।