क्या ट्रंप से चर्चा के बाद ताकाइची ने 'न्यू गोल्डन एज' का वादा किया, जापानी पीएम का अहम टेस्ट?
सारांश
Key Takeaways
- ताकाइची और ट्रंप के बीच द्विपक्षीय वार्ता महत्वपूर्ण है।
- जापान ने अमेरिका के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने का वादा किया।
- रेयर अर्थ पर डील जापान की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
- ताकाइची ने पूर्व पीएम आबे की परंपराएं निभाईं।
- जापान-अमेरिका गठबंधन का भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है।
टोक्यो, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। जापान की प्रधानमंत्री सनाए ताकाइची ने मंगलवार को टोक्यो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ द्विपक्षीय वार्ता की। ट्रंप का हैंडशेक, ताकाइची को महान कहना, रेयर अर्थ पर डील और ताकाइची का दोनों देशों के गठबंधन को नए आयाम तक पहुंचाने का वादा चर्चा का विषय रहा। क्या नई पीएम का अंदाज घरेलू और वैश्विक स्तर पर उनकी उज्जवल छवि पेश करने में सफल रहा, यह एक अहम सवाल है!
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाथ मिलाकर उन्हें मजबूत और महान पीएम बताया। अमेरिकी पीएम का यह व्यवहार ताकाइची के इकबाल को घरेलू स्तर पर और ऊंचा करता है। दरअसल, पद ग्रहण करते ही ताकाइची ने स्पष्ट किया था कि वे डिफेंस खर्च में इजाफा करेंगी। इसका मुख्य कारण चीन के प्रति जापान की पुरानी अदावत और आक्रमकता है। अमेरिका से जो रेयर अर्थ पर डील हुई है, उससे जापान को विश्वास है कि रक्षा क्षेत्र में निवेश पर अमेरिका कोई अड़ंगा नहीं डालेगा।
ताकाइची ने गठबंधन के लिए "एक नया सुनहरा दौर" लाने का वादा भी किया। राजधानी में सुरक्षा कड़ी थी, बैठक से पहले लगभग 18,000 पुलिस अधिकारियों को तैनात किया गया था। जापानी मीडिया मानता है कि यह ताकाइची की डिप्लोमेसी का एक महत्वपूर्ण टेस्ट था, क्योंकि वे रक्षा खर्च पर अमेरिका के बढ़ते दबाव को रोकते हुए जापान-अमेरिका गठबंधन को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती हैं।
उन्होंने वही सब कुछ किया जो ट्रंप के गोल्फिंग पार्टनर और जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे किया करते थे। उन्होंने राजा से मिलवाया और एक शानदार राजकीय यात्रा का आयोजन किया। जापान की इस नई प्रधानमंत्री ने ट्रंप को दिए तोहफे में डिप्लोमेसी के साथ ही इमोशन्स का पुट था। ताकाइची ने पूर्व पीएम शिंजो आबे का पुटर (गोल्फ की छड़ी) दिया और जापानी गोल्फर हिदेकी मात्सुयामा के हस्ताक्षर वाला एक गोल्फ बैग भेंट किया, जिसका मकसद निश्चित रूप से दोनों देशों के रिश्ते को याद दिलाना था।
दोनों देशों ने मिनरल्स और रेयर अर्थ्स की आपूर्ति को लेकर एक समझौते पर हस्ताक्षर किए। दुनिया जानती है कि अमेरिका स्मार्टफोन से लेकर फाइटर जेट्स तक कई उत्पादों के लिए आवश्यक इन सामग्रियों पर चीन के राज को खत्म करना चाहता है और उस पर निर्भरता कम करना चाहता है। जापान के महत्वपूर्ण सुरक्षा और व्यापार पार्टनर के साथ ऐसा करीबी रिश्ता ताकाइची को देश में अपनी कमजोर राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने में मदद कर सकता है।
जापान टाइम्स लिखता है कि ट्रंप ने अमेरिका से अधिक सुरक्षा उपकरण खरीदने की जापान की कोशिशों की भी प्रशंसा की, जबकि ताकाइची ने कहा कि कंबोडिया-थाईलैंड और इजरायल-हमास के बीच सीजफायर कराने में ट्रंप की भूमिका "अभूतपूर्व" उपलब्धि थी। यही वजह है कि उन्होंने दूसरे विश्व नेताओं की तरह ट्रंप को शांति पुरस्कार के लिए नामांकित किया।
जापानी मीडिया का कहना है कि ताकाइची के तेवर जनता को पसंद आ रहे हैं, लेकिन वे अभी भी निचले सदन में बहुमत से दो वोट दूर हैं। ऐसी स्थिति में उम्मीद है कि जो डील हुई है, वह जापानी पीएम की स्थिति को और मजबूत करेगी। ट्रंप के साथ जापान का यह गठबंधन नई ऊर्जा का संचार करेगा।