थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव: क्या सीज फायर डील से हवाई हमलों तक पहुंचना था?

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थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव: क्या सीज फायर डील से हवाई हमलों तक पहुंचना था?

सारांश

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच बढ़ते तनाव की कहानी। जानिए कैसे एक सीजफायर डील से हवाई हमलों तक पहुंचा यह विवाद।

Key Takeaways

  • थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव बढ़ रहा है।
  • डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों के बावजूद, सीजफायर डील में कठिनाइयाँ हैं।
  • हवाई हमलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
  • लाखों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा रहा है।
  • बातचीत ही समाधान का एकमात्र रास्ता है।

नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। सोमवार सुबह एक ऐसी सूचना प्राप्त हुई जो कि यूएस राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रयासों से बने युद्धविराम समझौते के विपरीत थी। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।

हालांकि, इन देशों के बीच विवाद नई बात नहीं है। हाल ही में ये टकराव कैसे गंभीर हुआ है, यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है। दोनों देशों के सेनाध्यक्ष एक-दूसरे को बदलती परिस्थितियों का जिम्मेदार मानते हैं।

28 मई 2025 को कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय ने एक गोलीबारी की घटना में एक सैनिक की मौत की सूचना दी। यह घटना 2011 में हुई एक समान घटना की पुनरावृत्ति थी।

23 जुलाई को, थाईलैंड ने कंबोडिया से अपने उच्चायुक्त को वापस बुला लिया और विवादित सीमा पर एक लैंडमाइन विस्फोट का उल्लेख किया, जिसमें एक थाई सैनिक घायल हुआ था।

24 जुलाई को, दोनों देशों के सैनिकों ने सीमा पर एक-दूसरे पर गोलीबारी की। थाईलैंड ने एफ-16 जेट तैनात किए, जिनमें से एक ने कंबोडियाई सैन्य लक्ष्य पर बमबारी की।

25 जुलाई को, फ्रंटलाइन पर तोपों से गोले दागे गए, जिससे यह टकराव एक दशक में सबसे गंभीर हो गया। इस लड़ाई में लगभग 48 लोग मारे गए, जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे।

इसके अगले दिन, ट्रंप ने कार्रवाई की और दोनों नेताओं से फोन पर बात की, जिसके बाद युद्धविराम पर सहमति बनी। ट्रंप ने कहा कि एक बार सीजफायर हो जाने पर व्यापारिक वार्ता फिर से शुरू हो सकती है।

28 जुलाई को, मलेशिया, अमेरिका और चीन की मध्यस्थता से, दोनों देशों के नेताओं ने मलेशिया में बैठक की और दुश्मनी खत्म करने का समझौता किया।

26 अक्टूबर को, ट्रंप ने मलेशिया में आसियान सम्मेलन में भाग लिया, जहां थाईलैंड और कंबोडिया के नेताओं ने बेहतर सीजफायर डील की।

1 नवंबर को, दोनों देशों ने विवादित सीमा से भारी हथियारों को धीरे-धीरे हटाना शुरू किया।

11 नवंबर को, थाईलैंड ने कहा कि लैंडमाइन विस्फोट में एक सैनिक के घायल होने के बाद वह कंबोडिया के साथ समझौता तोड़ रहा है।

12 नवंबर को, कंबोडिया के एक नागरिक की मौत हो गई; दोनों देशों ने एक-दूसरे पर गोलीबारी का आरोप लगाया।

7 दिसंबर को, दोनों के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया। कंबोडिया ने थाई सेना पर हमला करने का आरोप लगाया, जबकि थाई मीडिया ने कंबोडियाई सैनिकों पर आरोप लगाया।

थाईलैंड ने हवाई हमले शुरू किए, तर्क दिया कि उसके सैनिक कंबोडिया की गोलीबारी से प्रभावित हुए। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर युद्धविराम का उल्लंघन करने का आरोप लगाया। इस बीच, थाई अधिकारियों ने लाखों नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर निकाले जाने की जानकारी दी।

Point of View

बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति का भी है। हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि दोनों पक्षों को बातचीत के माध्यम से समाधान निकालना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

थाईलैंड और कंबोडिया के बीच तनाव का कारण क्या है?
तनाव का मुख्य कारण सीमा विवाद और लैंडमाइन विस्फोट की घटनाएं हैं।
क्या युद्धविराम की कोई संभावना है?
हालांकि दोनों पक्षों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन परिस्थितियों के कारण युद्धविराम की संभावना संदिग्ध है।
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