क्या ट्रंप ने पीएम मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' कहा?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने पीएम मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' कहा।
- भारत और अमेरिका के बीच सकारात्मक संबंध हैं।
- दोनों नेताओं के बीच दोस्ती को मजबूत किया जा रहा है।
- हाल के समय में संबंधों में तनाव देखा गया है।
- भारत ने अमेरिका के शुल्क को अनुचित बताया है।
नई दिल्ली, ६ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा की गई प्रशंसा के लिए आभार व्यक्त किया है। ट्रंप ने पीएम नरेंद्र मोदी को 'महान प्रधानमंत्री' की उपाधि दी। इस पर शनिवार को प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने कहा कि वे अमेरिकी राष्ट्रपति की भावनाओं और उनके संबंधों के 'सकारात्मक आकलन' की गहराई से सराहना करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "राष्ट्रपति ट्रंप की भावनाओं और हमारे संबंधों के सकारात्मक मूल्यांकन की हम तहे दिल से सराहना करते हैं और उनका पूर्ण समर्थन करते हैं। भारत और अमेरिका के बीच एक बहुत सकारात्मक और दूरदर्शी व्यापक व वैश्विक रणनीतिक साझेदारी है।"
इससे पहले, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने खुलकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की। भारत-अमेरिका के संबंधों को 'बेहद खास' बताते हुए ट्रंप ने कहा कि वह और पीएम नरेंद्र मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे।
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा, "मैं हमेशा पीएम नरेंद्र मोदी का दोस्त रहूंगा। वे एक महान प्रधानमंत्री हैं। मैं हमेशा दोस्त रहूंगा, लेकिन मुझे इस समय वे जो कर रहे हैं, वह पसंद नहीं है। लेकिन भारत और अमेरिका के बीच एक बेहद खास रिश्ता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। बस कभी-कभी हमारे बीच कुछ खास पल आते हैं।"
इस दौरान, डोनाल्ड ट्रंप अपनी टिप्पणी से पीछे हटते हुए दिखाई दिए, जिसमें उन्होंने भारत को चीन के हाथों 'खोने' की बात की थी। ट्रंप से उनके बयान के बारे में पूछा गया, "क्या उन्होंने भारत को चीन के हाथों खो देने के लिए किसी को जिम्मेदार ठहराया है?" जवाब में उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि हमने किसी को जिम्मेदार ठहराया है।"
गौरतलब है कि हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव आया है, क्योंकि अमेरिका ने भारत के आयात पर ५० प्रतिशत शुल्क लगाया। डोनाल्ड ट्रंप ने अगस्त में भारत पर २५ प्रतिशत शुल्क लगाया था, और फिर रूस से तेल खरीद का हवाला देते हुए अतिरिक्त २५ प्रतिशत शुल्क जोड़ा। भारत ने इस कदम को 'अनुचित' बताया।