क्या ट्रंप ने अलास्का शिखर सम्मेलन की आलोचना करने वाले सीनेटर मर्फी को 'मूर्ख' कहा?

सारांश
Key Takeaways
- ट्रंप ने मर्फी को 'कमजोर' कहा।
- मर्फी ने अलास्का बैठक को 'आपदा' करार दिया।
- बैठक में पुतिन को 'वह सब कुछ मिला' जो वह चाहते थे।
- कोई समझौता नहीं हुआ, स्थिति अभी भी जटिल है।
- अंतरराष्ट्रीय संबंधों में स्पष्टता की आवश्यकता है।
वाशिंगटन, 18 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलास्का में हुई बैठक की आलोचना करने पर डेमोक्रेट सीनेटर क्रिस मर्फी पर तीखा हमला किया। ट्रंप ने मर्फी को एक ऐसा 'कमजोर' व्यक्ति बताया, जो शांति समझौते की राह में बाधा डाल रहा है।
ट्रंप का बयान तब आया जब मर्फी ने अलास्का बैठक को एक “आपदा” और “अमेरिका के लिए शर्मिंदगी” करार दिया। उन्होंने ट्रंप पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका को अपमानित कर रहे हैं।
मर्फी ने यह भी कहा कि इस बैठक के बाद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को “वह सब कुछ मिल गया जो वे चाहते थे।”
अपने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्रुथ सोशल पर ट्रंप ने लिखा, “कनेक्टिकट के सीनेटर क्रिस मर्फी ने कहा कि 'पुतिन को वह सब कुछ मिल गया जो वह चाहते थे।' जबकि सच ये है कि किसी को अभी तक कुछ नहीं मिला है। लेकिन, हम उस दिशा में बढ़ रहे हैं।”
ट्रंप ने आगे कहा, “मर्फी एक कमजोर इंसान हैं, जो सोचते हैं कि रूसी राष्ट्रपति का अमेरिका आना उनके लिए फायदेमंद रहा। जबकि सच ये है कि पुतिन के लिए ऐसा करना बहुत मुश्किल था।” उन्होंने कहा कि यह युद्ध अब समाप्त हो सकता है, लेकिन क्रिस मर्फी, जॉन बोल्टन और कुछ अन्य बेवकूफ लोग परिस्थिति को और भी कठिन बना देते हैं।
मर्फी ने एनबीसी न्यूज़ पर अपनी टिप्पणी में कहा, “यह बैठक एक आपदा थी और अमेरिका के लिए शर्मनाक भी। यह पूरी तरह से नाकाम रही।” उन्होंने कहा कि पुतिन को वह सब कुछ मिल गया जो वह चाहते थे।
पुतिन और ट्रंप ने शनिवार तड़के (भारतीय समय अनुसार) आर्कटिक वॉरियर कन्वेंशन सेंटर में मुलाकात की। इस बैठक में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, राष्ट्रपति के सहयोगी यूरी उशाकोव, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ भी शामिल थे।
दोनों नेताओं ने कहा कि तीन घंटे की बातचीत में अच्छी प्रगति हुई है। हालांकि अभी किसी तरह का समझौता नहीं हुआ है और रूस ने यूक्रेन के साथ अभी युद्ध विराम की घोषणा नहीं की है।