क्या ट्रंप ने अफगानिस्तान नीति में बदलाव करते हुए बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने का संकेत दिया?

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क्या ट्रंप ने अफगानिस्तान नीति में बदलाव करते हुए बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने का संकेत दिया?

सारांश

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान नीति में बड़ा बदलाव किया है। उन्होंने कहा है कि बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की योजना है। यह कदम न केवल अफगानिस्तान की स्थिति को प्रभावित करेगा, बल्कि चीन के परमाणु प्रतिष्ठानों के नजदीक होने के कारण भी महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • डोनाल्ड ट्रंप ने अफगानिस्तान नीति में बदलाव किया है।
  • बगराम एयरबेस को फिर से सक्रिय करने की योजना है।
  • यह कदम चीन के परमाणु प्रतिष्ठानों के नजदीक होने के कारण महत्वपूर्ण है।
  • तालिबान ने अमेरिकी दावों को खारिज किया है।
  • अफगानिस्तान में स्थिति को प्रभावित कर सकता है।

वाशिंगटन, 19 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने फैसलों से दुनिया को निरंतर चौंका रहे हैं। हाल ही में, अमेरिकी प्रशासन ने अपनी अफगानिस्तान नीति में महत्वपूर्ण बदलाव किया है और बगराम एयरबेस को पुनः सक्रिय करने पर विचार किया जा रहा है।

राष्ट्रपति ट्रंप ने स्वयं इस बात का खुलासा किया है कि उनका प्रशासन अफगानिस्तान में बगराम एयरबेस को फिर से कब्जे में लेने का प्रयास कर रहा है।

यह जानकारी चीन के लिए भी चुनौतीपूर्ण है। ट्रंप ने कहा कि यह एयरबेस चीन के परमाणु प्रतिष्ठानों के समीप होने के कारण महत्वपूर्ण है।

गुरुवार को, राष्ट्रपति ट्रंप ने यूनाइटेड किंगडम के चेकर्स में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा, "हम बगराम एयरबेस को वापस लेने का प्रयास कर रहे हैं, क्योंकि वहाँ से चीन के परमाणु हथियार बनाने की जगह केवल एक घंटे की दूरी पर है।"

अमेरिकी सेना की अफगानिस्तान से वापसी के चार वर्ष बाद, ट्रंप ने इस नीति का खुलासा किया है और पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन प्रशासन की आलोचना की है।

बगराम, जो कि काबुल से 44 किलोमीटर उत्तर में स्थित है, अफगानिस्तान का सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा रहा है।

हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब ट्रंप ने बगराम एयरबेस का जिक्र किया है; मार्च में उन्होंने इस क्षेत्र पर बीजिंग के नियंत्रण का दावा किया था।

ट्रंप ने कहा था, "अमेरिकी प्रशासन पहले भी बगराम को कब्जे में रखता, लेकिन यह केवल अफगानिस्तान के कारण नहीं, बल्कि चीन के कारण, क्योंकि यह चीन के परमाणु मिसाइलों के निर्माण की जगह से एक घंटे की दूरी पर है।"

चीन का नाम लेते हुए उन्होंने कहा, "आप जानते हैं कि अभी इसे कौन कब्जा कर रहा है?"

हालांकि, अफगानिस्तान में सत्ताधारी तालिबान ने ट्रंप के दावों को खारिज कर दिया है। तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि "बगराम पर इस्लामिक अमीरात (तालिबान शासन) का नियंत्रण है, न कि चीन का।"

Point of View

एक राष्ट्रीय संपादक के दृष्टिकोण से, ट्रंप का यह कदम वैश्विक सुरक्षा और भू-राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। भारत को भी इस बदलाव पर नजर रखनी चाहिए, क्योंकि यह क्षेत्र में शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है।
NationPress
19/09/2025

Frequently Asked Questions

बगराम एयरबेस का महत्व क्या है?
बगराम एयरबेस का महत्व इसके भौगोलिक स्थान और चीन के परमाणु प्रतिष्ठानों के निकटता के कारण है, जिससे यह एक रणनीतिक सैन्य बुनियाद बनता है।
तालिबान का इस पर क्या कहना है?
तालिबान ने ट्रंप के दावों को खारिज करते हुए कहा है कि बगराम पर उनका नियंत्रण है, न कि चीन का।
क्या यह नीति अमेरिका की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है?
हां, ट्रंप का यह कदम अमेरिका की सुरक्षा और वैश्विक रणनीति के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।