क्या यूएनजीए के मौके पर अमेरिका में मुहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ की बैठक होगी?

सारांश
Key Takeaways
- मुहम्मद यूनुस और शहबाज शरीफ की बैठक बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकती है।
- बैठक के दौरान विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी।
- यह बैठक क्षेत्रीय राजनीति पर भी असर डालेगी।
- बांग्लादेश और पाकिस्तान के संबंधों में पिछले कुछ वर्षों में तनाव रहा है।
- यूएनजीए के मौके पर यह बैठक ऐतिहासिक महत्व रखती है।
ढाका, १८ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। स्थानीय मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस २२ सितंबर को न्यूयॉर्क यात्रा के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात करेंगे।
यूनुस और शरीफ संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) सत्र में शामिल होने के लिए न्यूयॉर्क में उपस्थित रहेंगे।
यह बैठक पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित अवामी लीग सरकार के सत्ता से बेदखल होने के बाद से ढाका और इस्लामाबाद के बीच बढ़ती नजदीकियों के बीच हो रही है।
ढाका स्थित विदेश सेवा अकादमी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए, बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने ऐलान किया कि २६ सितंबर को यूनुस सत्र को संबोधित करेंगे।
गुरुवार को स्थानीय मीडिया ने हुसैन के हवाले से बताया कि यूनुस यूएनजीए सत्र के दौरान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, फिनलैंड के राष्ट्रपति, नीदरलैंड के प्रधानमंत्री, संयुक्त राष्ट्र महासचिव और म्यांमार के लिए महासचिव के विशेष दूत के साथ भी बैठक करेंगे।
देश के प्रमुख बंगाली दैनिक, जुगंतोर की रिपोर्ट के अनुसार, अपनी यात्रा के दौरान, मुख्य सलाहकार के साथ तीन प्रमुख राजनीतिक दलों - बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिजन्स पार्टी (एनसीपी) के चार वरिष्ठ नेता भी होंगे।
बता दें, बांग्लादेश में युद्ध अपराधों के मुकदमों और व्यापक क्षेत्रीय राजनीति जैसे मुद्दों के कारण पूर्व अवामी लीग सरकार के १५ साल के शासन के दौरान ढाका और इस्लामाबाद के बीच संबंध तनावपूर्ण रहे थे।
बांग्लादेश-पाकिस्तान संबंधों में प्रमुख मुद्दों में हमेशा १९७१ के मुक्ति संग्राम के दौरान हुए नरसंहार में पाकिस्तान की भूमिका, फंसे हुए संसाधनों की वापसी और मुआवजा शामिल रहे हैं।
हालांकि, अगस्त २०२४ में यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद से हालात काफी बदल गए हैं।
पिछले महीने, पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने ढाका की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा की थी, जो १३ वर्षों में किसी भी पाकिस्तानी अधिकारी की बांग्लादेश की पहली राज्य-स्तरीय यात्रा थी।
इस बैठक के दौरान, डार ने दावा किया था कि १९७१ के नरसंहार को लेकर लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को पहले भी दो बार सुलझाया जा चुका है। हालांकि उनके इस दावे का ढाका ने तुरंत खंडन कर दिया था।
विदेश मामलों के सलाहकार हुसैन संग बैठक के बाद, डार ने दावा किया कि प्रमुख बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट, प्रोथोम आलो के अनुसार, इस्लामाबाद और ढाका के बीच तीन अनसुलझे मुद्दे, जिनमें १९७१ के नरसंहार पर माफी मांगने की लंबे समय से चली आ रही मांग भी शामिल है, पहले भी दो बार सुलझाए जा चुके हैं।
हालांकि, पाकिस्तानी विदेश मंत्री के दावों को खारिज करते हुए, हुसैन ने संवाददाताओं से कहा, "मैं बिल्कुल सहमत नहीं हूं। अगर हम सहमत होते, तो समस्या का समाधान हो गया होता।"
पिछले साल, यूनुस ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शरीफ से मुलाकात की थी, जहां दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की थी।